बैंक हड़ताल में फंसे 250 करोड़ के लेन-देन
बैंकों का विलय वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर बैंक यूनियनों की हड़ताल के चलते मंगलवार को एसबीआई को छोड़ सभी बैंकों के ताले बंद रहे। बैंक बंदी के चलते जहां 25 करोड से अधिक की क्लियरिग ठप रही वहीं दो से ढाई सौ करोड का लेन-देन प्रभावित हुआ। इस दौरान ग्राहकों को भारी निराशा का सामना करना पडा। जानकारी के अभाव में दूर दराज ग्रामीण अंचलों से आए ग्राहक बैंक अधिकारियों को कोसते हुए वापस लौटने को विवश हुए। उधर जगह जगह बैंक शाखाओं के बाहर कर्मचारियों ने यूनियन के समर्थन में बैठक की।
जासं, भदोही : बैंकों का विलय, वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर बैंक यूनियनों की हड़ताल के चलते मंगलवार को एसबीआइ को छोड़ सभी बैंकों के ताले बंद रहे। इसके चलते 25 करोड़ की क्लियरिग फंस गई। 250 करोड़ का लेन-देन भी प्रभावित हुआ। ग्राहकों को निराशा का सामना करना पडा। दूरदराज ग्रामीण अंचलों से आए ग्राहक बैंक अधिकारियों को कोसते हुए लौटने को विवश हुए। उधर जगह जगह बैंक शाखाओं के बाहर कर्मचारियों ने यूनियन के समर्थन में बैठक की।
एक तरफ धनतेरस, दीपावली जैसे खर्चीले पर्व सिर पर हैं, जबकि दूसरी ओर 26 अक्टूबर से बैंकों में चार दिवसीय बंदी होने वाली है। ऐसे में मंगलवार को दूरदराज गांवों से लेन-देन के लिए पहुंचे ग्राहकों को उस समय तगड़ा-झटका लगा जब बैंकों के शटर डाउन दिखे। बताते चलें कि मंगलवार को हड़ताल के चलते बैंक बंदी को लेकर पहले से सूचना थी बावजूद इसके काफी ग्राहक इससे अनभिज्ञ थे। यही कारण है कि विभिन्न बैंक पर दोपहर तक ग्राहकों का आना जाना लगा रहा। मांगें पूरी न होने पर करेंगे आंदोलन
यूपी बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के नेतृत्व में स्टेशन रोड स्थित एक प्रतिष्ठान में बैठक कर यूनियन के मांगों को जायज बताते हुए कहा कि इंप्लाइज एसोसिएशन इसका समर्थन करता है। कहा कि यूनियन के आदेशानुसार आंदोलन के लिए हमेशा तैयार हैं। कहा कि आरबीआइ द्वारा की गई बैंकों में विलय, वेतन वृद्धि, बैंकों में रिक्त पदों पर भर्ती सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं। बैठक में दिनेश कुमार, राकेश मिश्रा, राम उजागिर, मो. फिरोज, मो. सगीर, जितेंद्र कुमार आदि थे। उधर भारतीय स्टेट बैंक की शाखाएं जरूर खुली रहीं, लेकिन बैंकों की बंदी के कारण क्लियरिग आदि नहीं हुई।