जनता के जख्मों पर 20 करोड़ का मरहम
कई फीट तक हो चुके गहरे गड्ढे अब भरेंगे साथ में जनता के जख्म भी। इन गड्ढों में जा चुकी कई जिदगियों के बाद शासन ने अब सबक लिया है। वर्ष 2016 के बाद हुई टेंडर प्रक्रिया को अब अंजाम मिलेगा। लोक निर्माण विभाग को इंदिरा मिल से धौरहरा पुल तक करीब चार किलोमीटर निर्माण कार्य कराने के लिए 20 करोड़ रुपये दो दिन पहले आवंटित हुए हैं। इससे लुंबिनी-दुद्धी राजमार्ग स्थित भदोही के हिस्से का काम पूरा कराया जाएगा।
संग्राम सिंह, ज्ञानपुर, भदोही
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कई फीट तक हो चुके गहरे गड्ढे अब भरेंगे, साथ में जनता के जख्म भी। इन गड्ढों में जा चुकी कई जिदगियों के बाद शासन ने अब सबक लिया है। वर्ष 2016 के बाद हुई टेंडर प्रक्रिया को अब अंजाम मिलेगा। लोक निर्माण विभाग को इंदिरा मिल से धौरहरा पुल तक करीब चार किलोमीटर निर्माण कार्य कराने के लिए 20 करोड़ रुपये दो दिन पहले आवंटित हुए हैं। इससे लुंबिनी-दुद्धी राजमार्ग स्थित भदोही के हिस्से का काम पूरा कराया जाएगा। इंदिरा मिल से धौरहरा पुल तक गड्ढे इतने ज्यादा हो गये हैं कि वहां पर अक्सर जाम इन्हीं की वजह से हो रहा है।
बजट मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी ने काम शुरू करने की तैयारी कर ली है। नवरात्र के बाद काम आरंभ करने की योजना बना ली गई है। कारण कि बचा हुआ काम पूरा करने के बाद ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण हाईवे को हैंडओवर लेगा। पिछले दिनों उसने पीडब्ल्यूडी के सामने शर्त रखी थी कि चार किलोमीटर कार्य पूरा करने के बाद ही राजमार्ग को अपने दायरे में लेंगे ताकि एनएचएआइ अपने मानक पर हाईवे का विकास कर सके। बता दें कि मीरजापुर से इंदिरा मिल तक हाईवे निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। थोड़ा सा कार्य ही बाकी रह गया है।
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मुआवजा वितरित करने को मांगे 22 करोड़
राजमार्ग का निर्माण मीरजापुर स्थित गंगा पुल से वर्ष 2016 में शुरू हुआ था। तीन साल बाद अप्रैल 2019 में इंदिरा मिल तक कार्य पूरा हुआ। करीब चार किलोमीटर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। सड़क तो बन गई, लेकिन चौड़ीकरण में उगापुर, पुरुषोत्तमपुर और सहसेपुर समेत कई ग्रामीण परिवारों की जमीन का मुआवजा नहीं मिला। प्रकरण को लेकर कई परिवार हाईकोर्ट में पहुंच गये। सख्ती के बाद पीडब्ल्यूडी ने अब 22 करोड़ रुपये की डिमांड मुख्यालय से की है। इंजीनियरों की मानें तो धनराशि आवंटित होते ही प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि वितरित कर दी जाएगी।
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लखनऊ पहुंचा धौरहरा पुल का प्रस्ताव : मीरजापुर के मुख्य अभियंता की स्वीकृति के बाद धौरहरा पुल का प्रस्ताव लखनऊ स्थित लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय पर पहुंच गया है। वहां से स्वीकृति की प्रबल संभावना है। सैद्धांतिक सहमति भी बन गई है। बता दें कि करीब 17 करोड़ रुपये के फोरलेन पुल का प्रस्ताव पखवारे भर पहले शासन को भेजा जा चुका है।
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जागरण ने चलाया है अभियान :
इंदिरा मिल से धौरहरा पुल तक कातिल साबित हो रहे गड्ढों की समस्या को दैनिक जागरण ने सिलसिलेवार उठाया है। खबर को संज्ञान लेते हुए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने शासन में पैरवी शुरू कर दी, इसका परिणाम यह निकला कि इसके निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।