कालीन कारखाने से मुक्त कराए गए 14 बाल श्रमिक
उप जिलाधकारी न्यायिक जीपी यादव और कोतवाली पुलिस की टीम ने सोमवार को नईबाजार क्षेत्र में स्थित आजम खां के कालीन कारखाने में छापेमारी कर 14 बाल मजदूरों को मुक्त कराया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर, भदोही : उप जिलाधिकारी न्यायिक जीपी यादव और कोतवाली पुलिस की टीम ने सोमवार को नईबाजार क्षेत्र में स्थित आजम खां के कालीन कारखाने में छापेमारी कर 14 बाल मजदूरों को मुक्त कराया। छापेमारी की भनक लगते ही कारखाना संचालक फरार हो गया। पुलिस की टीम ने बच्चों को बाल न्यायालय ज्ञानपुर में डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव अध्यक्षता में गठित न्यायिक टीम के समक्ष प्रस्तुत किया। यहां से बच्चों को राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह वाराणसी भेज दिया गया। कार्रवाई से क्षेत्र स्थित कालीन उद्यमियों में हड़कंप की स्थिति रही।
बचपन बचाओ संस्था की सूचना पर उप जिलाधिकारी मयफोर्स कालीन कारखाना में धमक पड़े। यहां पर मौजूद कालीन कंपनी के संचालक और अन्य जिम्मेदार लोग इधर-उधर भाग खड़े हुए। छापेमारी की। 14 बाल मजदूर पाए गए। सभी बच्चों को पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में ले लिया। मुक्त कराए गए सभी बच्चे आमिर, अफरोज, साहूराज, जितन, शहनवाज, गालिब, तालिक, महबूब, तंजिर, सद्दाम, अबरार, एहसान, एकलाख बिहार प्रांत के अररिया जिले के निवासी हैं। उप जिलाधिकारी ने बताया कि बाल श्रमिकों को कालीन कारखाना से मुक्त कराकर मेडिकल के लिए भेजा गया है। मेडिकल में 14 वर्ष से कम आयु मिलने पर नियोक्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ''बाल श्रमिकों को किसी संस्था ने पकड़ा है। इसकी जानकारी हुई है। इस संबंध में बाल न्यायालय के आदेश के क्रम में कार्रवाई की जाएगी। 14 वर्ष से कम आयु से काम कराना कानून जुर्म है। नियोक्ता को छह माह की कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की कार्रवाई की जाती है। रेडियोलाजिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर आयु की पुष्टि की जाती है।''
-प्रतिमा मौर्य, श्रम प्रवर्तन अधिकारी।