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मनरेगा में 10.59 लाख का घपला

मुहम्मद इब्राहिम, ज्ञानपुर, भदोही ------------ भदोही ब्लाक के अहमदपुर फुलवरिया गांव में मनरेगा क

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 06:31 PM (IST)
मनरेगा में 10.59 लाख का घपला
मनरेगा में 10.59 लाख का घपला

मुहम्मद इब्राहिम, ज्ञानपुर, भदोही

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भदोही ब्लाक के अहमदपुर फुलवरिया गांव में मनरेगा के तहत कराए गए तालाब खोदाई से लेकर अन्य कार्यों में 19425 रुपये तो जगरनाथपुर में 10675 रुपये डकार लिये गये। अभोली ब्लाक के भिखमापुर में 51540 रुपये व दानूपुर पश्चिम पट्टी में 21875 रुपये की वित्तीय अनियमितता की गई। मनरेगा के कार्यों के नाम पर की गई मनमानी की यह बानगी भर है। जिले के चार ब्लाकों में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कराए गए मनरेगा की सोशल ऑडिट में 10 लाख 59 हजार रुपये का घपला सामने आया है। ग्राम पंचायतों में की जा रही मनमानी की पोल खुल गई है। कई गांवों में बजट निकल गया, मगर कार्य नहीं हुए।

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सोशल ऑडिट निदेशालय को भेजी रिपोर्ट

मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यों के नाम पर की जाने वाली मनमानी खुलकर सामने आ सके, शासन स्तर से इसके लिए प्रति वर्ष सोशल ऑडिट कराने का प्रविधान किया गया है। सोशल ऑडिट निदेशालय लखनऊ की ओर से वित्तीय वर्ष 2019-20 में हुई इस जांच में व्यापक गड़बड़ी निकली है। रिपोर्ट निदेशालय को भेजी गई है। मामले में कई जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इधर स्थानीय स्तर पर नोटिस जारी करने की तैयारी चल रही है।

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इतने गांवों में बैठी थी जांच

ब्लाक गांव

ज्ञानपुर 36

अभोली 56

डीघ 76

भदोही 96

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कहां कितना खेल खेला गया

विकास खंड गड़बड़ी (रुपया)

अभोली 7,65,713

भदोही 2,54,825

डीघ 31,350

ज्ञानपुर 7,175

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इस कार्य में बहाया पैसा

तालाब स्थापना, नाली निर्माण, खेत समतलीकरण, पौधारोपण, शौचालय निर्माण, सोख्ता गड्ढा, पशु शेड्स व मेड़बंदी।

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सोशल ऑडिट में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों व सोशल ऑडिट निदेशालय को भेजी गई है। --- अनिल कुमार श्रीवास्तव, जिला सोशल ऑडिट कोआíडनेटर

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29,796 श्रमिकों को रोजगार का दावा

अब लॉकडाउन में घर आए श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा को ही आधार बनाया गया है। 29796 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है। मनरेगा श्रम रोजगार विभाग के जिला समन्वयक राजाराम की मानें तो प्रवासियों की सूची तैयार की जा रही है। अब तक 23 गांवों में 2122 श्रमिकों की सूची भेज भी दी गई है।

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बनाया रोजगार का आधार, जिला हो चुका पुरस्कृत

लॉकडाउन में देश के विभिन्न प्रांतों से घर वापसी किए प्रवासियों को रोजगार देने के लिए मनरेगा को मुख्य आधार बनाया जाएगा। रोजगार सृजन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जिले में 1,20,666 परिवारों को जॉब कार्ड जारी किया गया था। शुरूआत में तालाब खोदाई व अन्य कार्यों पर 80 करोड़ रुपये खर्च कर जनपद पूरे देश में पुरस्कृत हो चुका है।

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25 करोड़ खर्च करने में छूटे पसीने

घोटालों के चलते योजना की स्थिति खराब हो गई है। कार्य करने के बाद समय से भुगतान न होने पर मजदूर मुंह मोड़ने लगे। नतीजा इधर कई वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के सापेक्ष बजट एवं मानव सृजन नहीं हो पा रहा था। पूरे वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ से अधिक खर्च नहीं हो पा रहा था।


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