नहर के पटरी का निर्माण कार्य पूरा कराए बिना छोड़ दिया पानी,फसल हुई जलमग्न
किसानों ने दूरभाष पर उप जिलाधिकारी हरैया व सिचाई विभाग के अधिकारियों को फोन करके इसकी जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, बभनान, बस्ती: नहर के पटरी का निर्माण कार्य पूरा कराए बगैर ही नहर में पानी छोड़ दिया गया। जिससे गौर ब्लाक के सेहरिया गांव में दर्जनभर से अधिक किसानों की फसल जलमग्न हो गई। गनीमत रहा कि पानी आने के कुछ ही देर बाद किसानों ने दूरभाष पर उप जिलाधिकारी हरैया व सिचाई विभाग के अधिकारियों को फोन करके इसकी जानकारी दी। तब जाकर विभाग की नींद टूटी और पानी बंद किया गया।
सरयू नहर खंड - 4 गोंडा के टिनिच राजवाहा में दो दिन पूर्व पहली बार पानी छोड़ा गया । पानी बुधवार को गौर ब्लाक के सेहरिया गांव में पंहुचा तो वहां किसानों में अफरा तफरी मच गई। चूंकि यहां लगभग 20 मीटर नहर की पटरी बनाई ही नहीं गई थी जिसके चलते पानी सेहरिया गांव के खेतों में भरने लगा।
सरयू नहर खंड-4 गोंडा के सहायक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि सेहरिया में एक किसान ने नहर के पटरी निर्माण के लिए भूमि का अब तक बैनामा नहीं किया है। नहर की खोदाई का कार्य तो पूरा है, लेकिन 20 मीटर पटरी अधूरी है। किसान अब भूमि का बैनामा करने के लिए तैयार हो गया है शीघ्र ही उसकी भूमि का बैनामा करा दिया जाएगा। बिजली कटौती से फसलों की सिचाई हुई प्रभावित
जागरण संवाददाता, हर्रैया : हर्रैया सब स्टेशन से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में दिन में बिजली कटौती से फसलों की सिचाई प्रभावित हो गई है। इससे किसान परेशान हैं।
किसानों को गलन भरी सर्द रातों या सुबह में सिचाई करनी पड़ रही है। बिजली विभाग ठंड के मौसम में किसानों को सिचाई के लिए दिन में निर्बाध आपूर्ति नहीं कर रहा है। किसानों को दिन में बमुश्किल एक से दो घंटे आपूर्ति मिल पाती है। जिससे दिन में फसल की सिचाई करने में कई दिन लग जाते हैं। किसान मजबूरी में रात को फसल की सिचाई करने को विवश हैं। जबकि ठंड के मौसम में फसल की सिचाई के लिए दिन में बिजली की जरूरत किसान को है। लेकिन बिजली विभाग रात को निर्बाध आपूर्ति दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में शाम पांच बजे से सुबह नौ बजे तक निर्बाध आपूर्ति दे रही हैं। जिससे दिन में कटौती होने से किसान फसल की सिचाई नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें परेशान होना पड़ता है। रात को अंधेरे में फसल की सिचाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। किसान सालिकराम, रामलखन, नूर मोहम्मद, रामलौट, हरीश दत्त पांडेय का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारियों को दिन में निर्बाध आपूर्ति देनी चाहिए। इससे किसान धूप के बीच फसल की सिचाई आसानी से कर सकें। इस संबंध में हर्रैया अधिशासी अभियंता अमित कुमार का कहना है कि शासन से रातों में निर्बाध बिजली आपूर्ति देने का निर्देश है। जिससे दिन में बिजली की कटौती की जाती है।