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दो के पास निर्माण तो आठ के पास बिक्री का स्थायी लाइसेंस

परशुरामपुर थाना क्षेत्र में पटाखा बनाया जाता है। अभी तक पटाखा बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस निर्गत नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 05:11 PM (IST)
दो के पास निर्माण तो आठ के पास बिक्री का स्थायी लाइसेंस
दो के पास निर्माण तो आठ के पास बिक्री का स्थायी लाइसेंस

जागरण संवाददाता, बस्ती : जिले में पटाखा निर्मित करने के लिए महज दो लोगों के पास लाइसेंस हैं, जबकि आठ दुकानदार पटाखे की थोक बिक्री के लिए अधिकृत हैं। वहीं थाने स्तर पर अस्थायी पटाखा दुकानों की संख्या का निर्धारण अभी तक नहीं हो सका है।

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कुशीनगर में अवैध पटाखा गोदाम में आग से चार लोगों की मौत के बाद भी बस्ती में भी जिला प्रशासन पटाखों के भंडारण और बिक्री को लेकर सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम और सीओ को पटाखा के निर्माण और भंडारण स्थल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने बताया कि उनकी ओर से एक बार पटाखा बनाने वाले स्थलों के साथ ही उसके भंडारण स्थल की जांच की जा चुकी है। बभनान कस्बे में एक दुकानदार को अवैध तरीके से पटाखा बेचते हुए दो नवंबर को पकड़ गया था। इन स्थानों पर तैयार होते हैं पटाखे जिले के परशुरामपुर थाना क्षेत्र में दो स्थानों पर पटाखे बनाए जाते हैं। सिकंदरपुर के मो. मुस्तफा और नंदनगर चौरी के मंगरू के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस है। दोनों आबादी से दूर पटाखे का निर्माण करते हैं।

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आठ के पास है पटाखा बिक्री का स्थायी लाइसेंस

जिले में आठ लोगों के पास पटाखे भंडारण और बिक्री करने का स्थाई लाइसेंस है। इनमें पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के सुभाषचंद्र गुप्ता, रमेश, दिलीप, निहाल, मुंडेरवा के लक्ष्मी, नगर के दुर्गेश, परशुरामपुर के सलमान और गौर थाने के बभनान में प्रेमकुमार शामिल है।

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नवंबर 2018 में दो की गई थी जान दो नवंबर 2018 को बभनान नगर पंचायत के लक्ष्मीबाई नगर वार्ड में अवैध रूप से डंप पटाखा के गोदाम में आग लग गई थी। इसमें 35 वर्षीय आसमा खातून पत्नी अब्दुल अजीज व तीन वर्षीय साहिदा पुत्री नौशाद की जलने से मौत हो गई थी। वहीं नौशाद की ही 10 वर्षीय पुत्री आरजू गंभीर रूप से झुलस गई थी।

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निर्माण, भंडारण एवं परिवहन में बरतें सावधानी

मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने कहा है कि लाइसेंसी अपने निर्धारित परिसर में ही पटाखों का निर्माण करें। छोटे बच्चों, बीमारों और वृद्ध व्यक्तियों को निर्माण स्थल से दूर रखें। पटाखों के निर्माण के समय धूम्रपान और ऐसे पदार्थों का प्रयोग न किया जाए, जिससे आग लगने का खतरा हो। पटाखों का भंडारण आबादी से दूर करें।

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पटाखों के चलते हुए हादसों का विवरण

वर्ष घटनाएं

2015 5

2016 5

2017 3

2018 5

2019 0


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