फिर बढ़ने लगी सरयू, बाढ़ग्रस्त गांवों में दहशत
सरयू नदी का जलस्तर एक सप्ताह तक लगातार घटने के बाद गुरुवार को फिर से बढ़ने लगा। बुधवार तक खतरे के निशान 92.73 मीटर से 50 सेमी नीचे 92.20 मीटर पर प्रवाहित होने वाली नदी गुरुवार को 13 सेमी बढ़ कर 92.33 मीटर पर पहुंच गई है।
बस्ती: सरयू नदी का जलस्तर एक सप्ताह तक लगातार घटने के बाद गुरुवार को फिर से बढ़ने लगा। बुधवार तक खतरे के निशान 92.73 मीटर से 50 सेमी नीचे 92.20 मीटर पर प्रवाहित होने वाली नदी गुरुवार को 13 सेमी बढ़ कर 92.33 मीटर पर पहुंच गई है। नदी के रुख में बढ़त जारी है। इस बीच तटवर्ती इलाकों में बिना बारिश के नदी के जलस्तर में वृद्धि से एक बार फिर दहशत बढ़ गई है। तटबंध पर बाढ़ खंड ने चौकसी बढ़ा दी है। जानकारों का कहना है कि जलस्तर में इस तरह से हो रही वृद्धि किसी गंभीर संकट का सूचक है। यदि नदी ऐसे ही बढ़ती रही तो एक बार फिर उन क्षेत्रों में कटान शुरू हो जाएगी जो अब तक सुरक्षित थे। उन गांवों में फिर पानी भर जाएगा जहां से बाढ़ का पानी हट गया था। कटरिया चांदपुर तटबंध पर संकट के बादल मड़राने लगे हैं। कहीं कोई कटान तो नहीं हुई लेकिन ठोकर संख्या 5 पर दबाव बढ़ गया है। बोल्डर का पांच मीटर बेस नदी में बैठ गया है। खाजांचीपुर गांव के पास खेती योग्य जमीन नदी की धारा में समा रही है। गौरा-सैफाबाद तटबंध पर एक बार फिर दबाव बढने से पारा, दिलासपुरा, टकटवा, देवारागंगबरार आदि गांवों की कृषि योग्य भूमि लगातार कट रही है। विक्रमजोत संवाददाता के अनुसार नदी का जलस्तर बढ़ते ही एक बार फिर माझा इलाके में दहशत बढ़ गई है। कल्यानपुर, सहजौरा पाठक, पड़ाव, रानीपुर कठवनिया, केशवपुर आदि गांवों में एक बार फिर तेजी से कटान होने लगी है। चूंकि इन गांवों को बचाने के लिए कोई तटबंध नहीं है इसलिए जो भी क्षति हो रही है वह किसानों की ही हो रही है। उनकी खेती व आबादी की जमीन कट रही है। कुदरहा संवाददाता के अनुसार नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है। पूर्व में हुए कटान स्थलों पर मरम्मत कार्य किया जा रहा है।