समूह की महिलाओं को दी जाएगी वाहन चलाने की ट्रेनिग
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दया की नहीं सहयोग की जरूरत है। सरकार राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से उनकी गरीबी दूर करने का प्रयास कर रही है।
बस्ती: स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दया की नहीं सहयोग की जरूरत है। सरकार राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से उनकी गरीबी दूर करने का प्रयास कर रही है।
यह कहना है प्रदेश के संसदीय कार्य, ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम विकास राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला का। वह गुरुवार को अटल बिहारी बाजपेयी प्रेक्षागृह में जिले के विभिन्न ब्लाकों से आयीं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। कहा, वर्तमान सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं। अगले ढाई साल के कार्यकाल में सभी महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है। इसके लिए अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित करना होगा। उन्हें स्वरोजगार से जोड़ें तथा बैंक से लिकेज कराएं। रिवालविग फंड दिलाएं। इस अवसर पर उन्होने 3 करोड़ 44 लाख 65 हजार रुपये का रिवालविग फंड का चेक महिला समूहों को सौंपा। महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए उन्हें ड्राइवर की ट्रेनिग दी जाए, जिससे वह लड़कियों के स्कूल में वाहन चला सकें। समूह की महिलाओं को कालेज की कैंटीन का काम दिलाया जाएगा। मंत्री ने अपना मोबाइल नंबर भी महिलाओं को बताया। वाट्स ऐप के जरिये अपनी समस्या बता सकें। इसके अलावा समूह की महिलाओं से उनकी समस्याओं की जानकारी लेकर निराकरण का निर्देश अधिकारियों को दिया। डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल ने भी विचार व्यक्त किए। राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के महानिदेशक एल.वेकटेश्वर लू ने भी अपने विचार व्यक्त किए। परियोजना निदेशक आरपी सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। सीडीओ अरविद कुमार पांडेय, उपायुक्त स्वरोजगार अजीत श्रीवास्तव, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन कसौधन, अखंड प्रताप सिंह, केके सिंह, जगदीश शुक्ला, संजय चौधरी आदि मौजूद रहे।