छात्रों को ठग रहे फर्जी नर्सिग कालेज
बिना मान्यता वाले नर्सिंग कालेजों के फेर में फंस रहे भोले-भाले छात्र स्वास्थ्य महकमा बेखबर कार्रवाई नहीं हो रही।
जागरण संवाददाता, बस्ती : जनपद में बिना मान्यता वाले नर्सिंग कालेजों की बाढ़ सी आ गई है। शहर से लेकर गांवों तक में ऐसे कालेजों के बोर्ड लगे हुए हैं। साथ ही इनके एजेंट भी घूम रहे हैं। यह लोग घर बैठे एएनएम, जीएनएम समेत अन्य मेडिकल संबंधी कोर्स कराने का झांसा देकर भोले-भाले छात्र-छात्राओं को ठग रहे हैं।
शहरी क्षेत्र से सटे, हर्रैया व जिले के सुदूर इलाकों में ऐसे कालेजों की तादाद अधिक है। लोकलुभावन प्रचार वाले होर्डिंग एवं पंफलेट के सहारे छात्रों को पहले आकर्षित करते हैं फिर उनको ठगते हैं। पढ़ाई के बाद इन लोगों द्वारा दी जाने वाली डिग्री स्टेट मेडिकल फैकेल्टी की नहीं होती है। जिससे इनमें प्रशिक्षण पूरा करने वाले बच्चों को परेशान होना पड़ता है।
जनपद में आठ कालेज ऐसे हैं जो मान्यता प्राप्त हैं और नियमानुसार संचालित हो रहे हैं। 15 से अधिक नर्सिंग कालेज बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं।
पिछले दिनों मड़वानगर स्थित एक पैरामेडिकल कालेज के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से कार्रवाई भी की थी। इसके बाद भी यह धंधा रुका नहीं है। हरदिया के पास का एक कालेज भी रडार पर है। यह है मानक
उप्र स्टेट मेडिकल फैकेल्टी की मान्यता के लिए 54 हजार स्क्वायर फीट जमीन होनी चाहिए। दो साल पुराना सौ शैय्या वाला अस्पताल होना चाहिए। इसके लिए भवन में फैकेल्टी व मेडिकल सुविधा दोनों का संचालन होना जरूरी होता है।
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बस्ती जिले में आठ कालेजों के नियमानुसार संचालित होने की जानकारी विभाग को है। इसमें प्रदुम्न सिंह और एसआर हास्पिटल एलोपैथी पद्धति से पढ़ाई से लिए मान्यता प्राप्त हैं। अन्य कालेजों की मान्यता के बारे में कोई सूचना स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
डा. सीएल कन्नौजिया, नोडल अधिकारी, बस्ती