हौंसले की मिसाल, 76 साल के अशर्फीलाल
जुझारू व्यक्तित्व वाले अशर्फीलाल 76 साल की उम्र में भी सरकारी कर्मचारियों की आवाज हैं। बुजुर्गी में भी युवा नजर आने वाले यह कर्मचारी नेता सेवा निवृत्ति के बाद भी कर्मचारी हितों के लिए संघर्षरत हैं। इन दिनों पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
बस्ती: जुझारू व्यक्तित्व वाले अशर्फीलाल 76 साल की उम्र में भी सरकारी कर्मचारियों की आवाज हैं। बुजुर्गी में भी युवा नजर आने वाले यह कर्मचारी नेता सेवा निवृत्ति के बाद भी कर्मचारी हितों के लिए संघर्षरत हैं। इन दिनों पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
विद्युत विभाग से वर्ष 2003 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी घर नहीं बैठे। लगातार विद्युत विभाग के कर्मचारियों के साथ ही अन्य कर्मचारियों के आंदोलन की अगुवाई करते रहे हैं। इस समय वह विद्युत कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष हैं तो अन्य कई संगठनों के संरक्षक भी। सेवानिवृत्त होने के बाद वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश की दूसरी बड़ी ग्राम पंचायत गनेशपुर के प्रधान रहे। प्रधान संघ का जिलाध्यक्ष बनने के बाद लगातार प्रधानों के हक की लड़ाई लड़े, मगर उनके दिल में हमेशा कर्मचारी ही रहे। इस उम्र में भी ऊर्जा से परिपूर्ण अशर्फीलाल अभी भी कर्मचारियों के आंदोलन की अगुवाई करते देखे जाते हैं।
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कर्मचारियों के हित में लड़ी लड़ाई
- विद्युत कर्मचारियों के लिए बोनस की लड़ाई लड़ी।
- विद्युत कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि की लड़ाई।
- छठवें वेतनमान के बाद वेतन विसंगति दूर करने का संघर्ष।
- विद्युत हादसे में मौत पर तत्काल 5 लाख रुपये की मदद के लिए संघर्ष।
- विद्युत विभाग में संविदा पर रखे गए कर्मचारियों के हितों की लड़ाई।
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कर्मचारियों के हक में रही यह उपलब्धि
: विद्युत कर्मचारियों को बोनस के साथ ही वेतन वृद्धि।
: प्रोन्नति न होने पर पर तीन टाइम स्केल मिला।
: चतुर्थश्रेणी कर्मियों को तीन साल की सेवा पर प्रशिक्षित माना गया।
: उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यालय भवन।