पुल शोपीस, नाव से कर रहे दरिया पार.
सड़क मार्ग से नहीं जुड़ सका माझा किताअव्वल और मड़ना माझा
विक्रमजोत, बस्ती : जनपद के विक्रमजोत ब्लाक का माझा किताअव्वल और मड़ना माझा गांव संपर्क मार्ग से अभी तक नहीं जुड़ सका है। यहां के नागरिक 21 वीं सदी में भी नाव से दरिया पार कर मुख्यालय या बाजार पहुंचते हैं। 10.32 करोड़ की लागत से यहां पुल तो बना लेकिन अप्रोच निर्माण न होने से वह बेमतलब साबित हो रहा है।
जिले की दो ग्रामसभा माझा किताअव्वल और मड़ना माझा चौतरफा नदियों से घिरा है। दो तरफ से सरयू और दो तरफ से सरयू की सहायक नदी काली सोती से दोनों ग्राम पंचायतों का आवागमन बाधित है। यहां के नागरिकों को मुख्यालय, बाजार या रिश्तेदारी में जाने के लिए नाव से नदी पार करना पड़ता है। बाढ़ के समय नदियों का जलस्तर बढ़ने पर आवागमन ठप हो जाता है। आठ साल पहले 2012 में सरयू की सहायक नदी काली सोती पर 10.32 करोड़ की लागत पुल निर्माण शुरू हुआ। सेतु निर्माण विभाग ने दो सौ मीटर की लंबाई में पुल का निर्माण कार्य तो करा दिया। लेकिन अप्रोच नहीं बना। गांव के नागरिक इस पुल का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। अयोध्या जनपद से जुड़ जाते दोनों गांव
पुल का अप्रोच मार्ग बनने से दोनों ग्राम पंचायत के 25 हजार आबादी वाले तीस मजरे सड़क मार्ग के जरिये अयोध्या जनपद से जुड़ जाएंगे। इससे आवागमन आसान हो जाता। माझा किताअव्वल की प्रधान लुटना देवी ने बताया कि पुल चालू हो जाने से हम लोग अयोध्या होते हुए अपने जिला मुख्यालय तक पहुंच सकते हैं। विरोध के चलते नहीं चालू हो पाया पुल
अयोध्या और बस्ती जनपद के बीच सीमा विवाद के चलते इस पुल का निर्माण नहीं हो पा रहा है। अयोध्या जनपद के माझा क्षेत्र के ग्रामीण अप्रोच निर्माण का विरोध कर रहे हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर दोनों जनपदों का सीमांकन भी हो चुका है। दोनों जनपदों का प्रशासन कोई ठोस विकल्प नहीं निकाल सका है।