जेल भेजे गए घूस लेने वाले दारोगा, निलंबित
बुधवार को बस्ती में एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रिश्वत लेते पकड़ा था। दर्ज मुकदमे की विवेचना में नाम निकालने के लिए 70 हजार रुपये मांगे थे।
जागरण संवाददाता, बस्ती: रिश्वत लेते पकड़े गये लालगंज थाने के दारोगा विजय प्रताप यादव को कोतवाली पुलिस ने गोरखपुर स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया। जहां से दारोगा को गोरखपुर जिला जेल भेज दिया। देररात एसपी हेमराज मीणा ने आरोपित दारोगा विजय को निलंबित कर दिया।
बुधवार को बस्ती के बनकटी में आरोपित दारोगा को 40 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गोरखपुर की एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा था। दारोगा विजय प्रताप यादव की तैनाती लालगंज थाने में है। यहीं पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दो जुलाई 2020 को दर्ज मुकदमे से विवेचना में नाम निकालने के लिए दारोगा ने बानपुर गांव निवासी उमेश चौधरी से 70 हजार रुपये की मांग की थी। शिकायत पर आई थी टीम बानपुर निवासी उमेश चौधरी ने गत 21 सितंबर को एंटी करप्शन के गोरखपुर कार्यालय में जाकर विवेचक द्वारा मांगे जा रहे घूस के बारे में शिकायती पत्र दिया था। जिसमें बताया गया है कि पड़ोस में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर लिया था। रंजिशन दिवंगत के बड़े भाई ने उसके साथ ही परिवार के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। दारोगा को पकड़ने आई टीम में प्रभारी निरीक्षक एके सिंह के साथ टीम में निरीक्षक चंद्रेश यादव, प्रवीण, रामधारी मिश्र, शैलेंद्र राय, चंद्रभान मिश्र,शैलेंद्र सिंह शामिल रहे।