जेई-एईएस से जंग लड़ेंगे परिषदीय स्कूलों के शिक्षक
जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ¨सड्रोम (एईएस) बीमारी के समूलनाश के लिए सरकार हर स्तर की लड़ाई को तैयार है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा 10 अन्य सहयोगी विभागों से सहयोग लिया जा रहा। शुक्रवार को उन्हीं 10 विभागों में से बेसिक शिक्षा विभाग के सभी अपर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया कि कैसे जेई-एईएस बीमारी से जंग लड़ना है और इसे जड़ से खत्म करना है।
बस्ती : जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ¨सड्रोम (एईएस) बीमारी के समूलनाश के लिए सरकार हर स्तर की लड़ाई को तैयार है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा 10 अन्य सहयोगी विभागों से सहयोग लिया जा रहा। शुक्रवार को उन्हीं 10 विभागों में से बेसिक शिक्षा विभाग के सभी अपर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया कि कैसे जेई-एईएस बीमारी से जंग लड़ना है और इसे जड़ से खत्म करना है। दस्तक दो कार्यक्रम के तहत यूनीसेफ के तत्वावधान में संचारी रोग नियंत्रण के लिए दो दिवसीय कार्यशाला एएनएम टीसी सेंटर में हुआ। यहां प्रशिक्षकों ने सभी एबीएसए को यह बताया कि कैसे शिक्षकों को ट्रे¨नग देकर उन्हें जेई-एईएस नियंत्रण के बारे में जानकारी देंगे। इसके बाद शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में बच्चों की क्लास अलग से लगाएंगे, जिसमें 30 मिनट में बच्चों को मच्छर से बचाव, काफी दिनों से जलजमाव खत्म करने, आस-पास की झाड़ियां काटने और साफ-सफाई करने की जानकारी देंगे। साथ ही उनके अभिभावकों से बच्चों के जरिये प्रेरित करेंगे कि सप्ताह में एक दिन खुद साफ-सफाई में सहयोग करें। प्रशिक्षण में एबीएसए को बताया गया कि बच्चों में यह बीमारी तेजी से फैलती है, यह जलजनित बीमारी भी है, ऐसे में साफ पानी इंडिया मार्क हैंडपंप का ही पीयें, इसके अलावा क्लोरीन डाल कर पानी का सेवन करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जेएलएम कुशवाहा ने बताया कि इस बीमारी से बचाव साफ-सफाई व जागरूकता है। इसमें शिक्षक अहम रोल निभाएंगे। सभी बीईओ एक-एक स्कूल में जेई-एईएस बीमारी के नियंत्रण के लिए नोडल बनाएं। गोरखपुर व बस्ती मंडल अति संवेदनशील है, सरकार यहां काफी फोकस कर रही है। इन जिलों में स्वच्छ पेयजल के लिए इंडिया मार्क हैंडपंप व ट्यूबवेल में 7 करोड़ रुपये खर्च होगा। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. फखरेयार हुसैन, यूनीसेफ के प्रतिनिधि व प्रशिक्षक आलोक राय, स्टेट से आए मृत्युंजय कुमार व मनोज कुमार ने विशेष जानकारी दी। बीएसए अरुण कुमार, एबीएसए इंद्रजीत ओझा, समन्वयक सुनील त्रिपाठी, रामचंद्र यादव, एमडीएम के जिला समन्वयक, चंद्रभान पांडेय, बीएन मिश्र, डा. हर्षित मौजूद रहे। कार्यशाला में 39 लोगों का बैच शामिल हुआ।
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सिद्धार्थनगर व संतकबीरनगर के एबीएसए की हुई ट्रे¨नग
मंडल के सिद्धार्थनगर व संतकबीरनगर के एबीएसए को भी ट्रे¨नग दी गई। स्टेशन रोड स्थित एक होटल में प्रशिक्षक सोनाली व श्याम ने प्रशिक्षित किया। यहां दो बैच 43-43 लोगों का चला। तीनों जिलों में हुई कार्यशाला का समापन शनिवार को अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. रंगजी द्विवेदी करेंगे।