आरबीएसके से सूर्या को मिली नई जिदगी
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आरबीएसके से तमाम बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटा चुकी है। बनकटी के किठिउरी गांव के धर्मपाल की पत्नी सीमा ने पिछले साल अगस्त में शिशु को जन्म दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुंडेरवा में जन्मे नवजात के रीढ़ की हड्डी बाहर की तरफ उभरी होने के कारण चिकित्सकों को किसी गंभीर रोग की आशंका हुई।
बस्ती : न्युरल ट्यूब डिफेक्ट से ग्रसित बनकटी क्षेत्र के किठिउरी गांव निवासी 11 वर्षीय सूर्या सिंह को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) से नई जिदगी मिली है। सफल आपरेशन के बाद परिवार के सदस्यों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। आरबीएसके टीम के चिकित्सकों की देखरेख में सूर्या का इलाज झांसी मेडिकल कालेज में कराया गया। एक महीने के बाद वह स्वस्थ होकर घर लौट आया है।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आरबीएसके से तमाम बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटा चुकी है। बनकटी के किठिउरी गांव के धर्मपाल की पत्नी सीमा ने पिछले साल अगस्त में शिशु को जन्म दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुंडेरवा में जन्मे नवजात के रीढ़ की हड्डी बाहर की तरफ उभरी होने के कारण चिकित्सकों को किसी गंभीर रोग की आशंका हुई। बनकटी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. धर्मेंद्र चौधरी ने संज्ञान लेते हुए आरबीएसके की बनकटी इकाई के चिकित्सक डा. अभिषेक सिंह को अपनी टीम के साथ नवजात की देखरेख करते रहने व उसका इलाज कराने का निर्देश दिया। डा. अभिषेक सिंह की टीम ने सूर्या सिंह को देखा तो उसके दिमाग, स्पाइनल कार्ड व रीढ़ की हड्डी सहित अन्य लक्षणों के आधार पर न्युरल ट्यूब डिफेक्ट (तंत्रिका ट्यूब दोष) से ग्रसित होने की पुष्टि की और इस रोग के इलाज के लिए 10 माह बाद आपरेशन कराने की सलाह दी। इस आसाध्य रोग के इलाज के लिए मेडिकल कालेज झांसी में भर्ती कराया। जहां एक जुलाई को सूर्या सिंह का सफल आपरेशन हुआ, जिससे उसके पीठ पर बाहर से दिख रहा उभार आपरेशन के जरिये निकाल दिया गया। करीब एक माह बाद शुक्रवार को वह बिल्कुल ठीक होकर अपने घर वापस पहुंच गया है।