कोरोना काल में भी कामयाब रही दस्तक
2245 आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभियान में शामिल रहीं। चार लाख घरों का सर्वे किया गया।
जासं, बस्ती : जिले में दस्तक अभियान कोरोना काल में भी कामयाब है। यूनिसेफ और पाथ जैसी स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्थाओं के सर्वे में 90 फीसद लोगों ने सही जवाब दिया है। 87 फीसद •िाले का रिजल्ट आया है।
जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस) की रोकथाम के लिए 16 से 31 जुलाई तक जागरूकता संबंधी दस्तक अभियान संचालित किया गया। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोग की पहचान व उसकी रोकथाम से संबंधित जानकारी दी। इस बार के अभियान में कोविड-19 से बचाव की जानकारी को भी विशेष रूप से शामिल किया गया था।
अभियान के बाद यूनिसेफ और पाथ संस्था की टीम ने सैंपल सर्वे में घरों पर जाकर लोगों से टीम के घर पर आने व टीम द्वारा बताई गई बातों के बारे में सवाल किए। जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने कहा पिछले साल की तुलना में इस साल एईएस व जेई के काफी कम केस सामने आए हैं। जनवरी से अब तक जेई का एक व एईएस के 12 केस दर्ज हुए हैं। वर्ष 2019 में जुलाई तक जेई के तीन व एईएस के 24 केस रिकार्ड हुए थे।
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मददगार बनी ज्यादा बारिश व कोरोना से बचाव
संचारी रोगों की रोकथाम में इस साल हुई ज्यादा बारिश व कोरोना से बचाव के लिए अपनाई जा रही सतर्कता मददगार बनी हैं। अधिक बारिश से तालाब में पलने वाले मच्छरों के लार्वा बह जाते हैं, जिससे मच्छर जनित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। अभियान में सभी गांव में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया गया है।