सात माह बाद ली 8 करोड़ के पुल की सुधि
बस्ती: बहादुरपुर विकास खंड के रानीपुर घाट पर 8 करोड़ की लागत से चार पिलर का पुल सात
बस्ती: बहादुरपुर विकास खंड के रानीपुर घाट पर 8 करोड़ की लागत से चार पिलर का पुल सात माह से बन कर तैयार है। अब इस पुल के एप्रोच का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। फिलहाल एप्रोच पर मिट्टी डालने का काम चल रहा है। मिट्टी का काम पूरा होने के बाद एप्रोच को पिच किया जाना है। इस रास्ते से हल्के वाहन चालकों ने आवागमन शुरू कर दिया है। मिट्टी कच्ची होने से आवागमन खतरे से खाली नहीं है। एप्रोच को पिच किए जाने का काम कब शुरू होगा के सवाल पर विभाग का कहना है कि मिट्टी का काम पूरा होने के बाद ही यह काम हो पाएगा। आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग पुल का एप्रोच न बनने की वजह से लकड़ी के पुल से आज भी आवागमन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने से लेकर आज तक इस घाट पर लकड़ी के पुल के ही सहारे लोग नदी पार कर ब्लाक मुख्यालय और कुसौरा बाजार जाते रहे हैं। रानीपुर गांव के केवट समुदाय के दर्जनों परिवार हर वर्ष सितम्बर माह में लकड़ी का पुल बनाने का काम शुरू कर देते थे। अक्टूबर में 40 हजार रुपये की लागत से यह पुल तैयार होता था। जो जून तक रहता था। शेष तीन माह लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता था। साइकिल पैदल व मोटर साइकिल से आने जाने वालों के लिए यही पुल उपयोग में आता था । चार पहिया व ट्रैक्टर टाली को बीस किलोमीटर दूरी तय कर आना जाना पड़ता था। रानीपुर गांव के सुग्रीव ,लक्खू ,प्रताप,मंशाराम,रंगीलाल रामलौट ने बताया कि उनके यातायात का एक मात्र सहारा लकड़ी का पुल ही था। रानीपुर, मोहम्मदपुर, जगदीशपुर, सोनवरसा, बुचवापुर, भौआपार,गो¨वदापुर, जलालपुर, तकियवा, महुआडाबर, नूरचक्र, छबैला, मटेरा, कचूरे, इटैली आदि गांवों के लोग इसी रास्ते आवागमन करते हैं। कार्य दायी संस्था सेतु निगम ने पुल का निर्माण अप्रैल 2016 में शुरू कराया। पुल का कार्य जून 2017 में पूरा हुआ । अप्रोच के अभाव में चालू न नहीं हो सका। लोक निर्माण प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता आलोक रमन ने बताया कि मिट्टी न मिलने की वजह से काम नहीं हो पा रहा था। अब काम शुरू हो गया है। एक सप्ताह के भीतर काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद पिच का काम होगा।