सरयू लाल निशान के करीब, तैयारी अधूरी
आठ करोड़ की परियोजना नहीं बन सकी कारगर - दो जनपदों के सीमावर्ती गांवों में अभी से दहशत
बस्ती : बाढ़ की विभीषिका से निपटने की तैयारी अभी अधूरी है। इधर सरयू खतरे के निशान को छूने को बेताब है। लहरों की हिलोरों से तटवर्ती गांवों में दहशत है। तटबंध मरम्मत के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। लगातार बारिश में अब जिम्मेदारों के पास हाथ मलने के सिवाय कोई और विकल्प नहीं है।
बाढ़ खंड के दावे कुछ भी हों लेकिन सरयू के तटबंध अभी से हिलने लगे हैं। मरम्मत के नाम पर रेनकट और रैट होल तक नहीं भरे गए हैं। अधिकारियों का दौरा यदि हुआ तो सिर्फ खानापूरी तक सिमट कर रह गया। समय रहते तटबंधों की मरम्मत नहीं कराई जा सकी। अधर में लटकी आठ करोड़ की परियोजना
रामपुर-कलवारी तटबंध पर पिपरपाती, मटियरिया में तटबंध को मजबूत बनाने के लिए आठ करोड़ की परियोजना स्वीकृत हुई थी। इसमें ठोकर नंबर दो से तीन तक तटबंध के स्लोप पर अप्रैन और पिचिग का कार्य, एक नए ठोकर का निर्माण और ठोकर नंबर तीन के नोज की मरम्मत का कार्य शामिल है। अभी तक 50 फीसद कार्य ही पूरा हुआ है। जिसकी गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। बोल्डरों के बीच गैप है। बारिश में यह परियोजना ठप होने के कगार पर है। तहसीलदार ने भी देखा क्षतिग्रस्त बंधा
तहसीलदार सदर पवन जायसवाल ने बुधवार को निरीक्षण के दौरान रामपुर-कलवारी तटबंध को कई जगहों पर क्षतिग्रस्त अवस्था में पाया। बिजौरा, पिपरपाती, जितुआपुर में रामपुर-कलवारी तटबंध पर रैटहोल और रेनकट मिले हैं। बताया सत्यता से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। प्रभावित होंगे यह क्षेत्र
रामपुर-कलवारी तटबंध पर पिपरपाती के पास सरयू के अनियंत्रित होने पर बस्ती जनपद का कुदरहा ब्लाक और संतकबीरनगर जनपद के पौली ब्लाक के 50 से अधिक गांव प्रभावित होंगे। अप्रैन और पिचिग परियोजना पूरी न होने से दहशत है। बंधा क्षतिग्रस्त न होने की गारंटी
बंधे को सुरक्षित करने भर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अब गारंटी है कि नदी का दबाव न होने तटबंध क्षतिग्रस्त नहीं होगा। रैनकट और रैटहोल भरने के निर्देश दिए गए हैं। दिनेश कुमार, एक्सईएन बाढ़खंड