दो थानों की सीमा पर धधक रही कच्ची की भट्ठी
बस्ती: नदी के किनारे गांवों में तो कच्ची शराब बनाने का धंधा लंबे समय से चल रहा है। पुलिस यदा-कदा दबि
बस्ती: नदी के किनारे गांवों में तो कच्ची शराब बनाने का धंधा लंबे समय से चल रहा है। पुलिस यदा-कदा दबिश भी देती है। अपराधी पकड़े जाते हैं, भट्ठियां टूटती हैं उसके बाद फिर धंधा चलने लगता है। अब कच्ची के कारोबारियों ने धंधे का तरीका बदल दिया है। कारोबारियों ने नदी की दो धाराओं के बीच जहां कहीं भी बालू का टीला है वहां अपनी फैक्ट्री डाल रखी है। आराम से नदी के दोनों किनारे पर नजर भी रखते हैं और भट्ठी भी जलाए रखते हैं। हालत यह है कि इसी टीले पर लहन व शराब बनाने की सारी सामग्री मौजूद रहती है। छोटी सी नाव से सारा सामान इस टीले पर पहुंचा दिया जाता है, यहीं पर छप्पर अथवा प्लास्टिक की पन्नी डाल ली गई है। कलवारी व लालगंज थाना क्षेत्र के मध्य स्थित हरखौलिया उर्फ मटियरिया तथा टेंगरिया बाबू गांव की सीमा पर नदी की रेत में ठोकर नंबर तीन के निकट नदी की दो धाराओं के बीच चल रहे इस धंधे पर शायद किसी की नजर नहीं है। यदि नजर हो भी तो पुलिस को यहां पहुंचने में नाकों चने चबाने पड़ेंगे। यहां पर घाघरा नदी दो धाराओं में विभक्त हो गई है। बीच में तकरीबन 8 से 10 किलोमीटर लंबाई व आधा किलोमीटर की चौड़ाई में रेत का टीला बन गया है। जहां नाव से ही पहुंचना संभव है। जब तक कोई बस्ती की तरफ से इस टीले पर पहुंचने का प्रयास करता है तब तक कच्ची शराब के कारोबारी दूसरी धारा पार कर अंबेडकर नगर जनपद की सीमा में पहुंच जाते हैं। यही वजह है कि आज तक यहां पुलिस किसी प्रकार का दबाव नहीं बना पाई है। कच्ची शराब के यह धंधेबाज उस समय यहां हाबी हो जाते हैं जब नदी सूखी रहती है। बाढ़ के दिनों में तो यहां कहीं कुछ दिखाई नहीं देता है लेकिन बाढ़ उतरते ही जैसे ही नदी सूखती है धंधा चालू हो जाता है। पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार ने कहा कि वह लालगंज व कलवारी थाने को इस बात के लिए निर्देश देंगे कि कच्ची कारोबारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।