ओवरहेड टैंक निर्माण तक सिमटी परियोजनाएं
टेस्टिग में ही फेल हो गई पाइप लाइन जलापूर्ति ठप -पानी की आपूर्ति न होने से हैंडपंप का दूषित जल पीने को ग्रामीण विवश
बस्ती: राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन अभियान के तहत लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए जिले में छह दर्जन परियोजनाएं शुरू की गई है। सभी परियोजनाएं कागज में पूरी भी हो गई हैं, कितु ग्रामीणों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कहीं पाइपलाइन में लीकेज है तो कहीं पाइप लाइन ही नहीं बिछी है।
योजना के जिले में 75 परियोजनाओं में सभी को पूर्ण करने का अफसर दावा कर रहे हैं। इनमें से तीन परियोजनाएं नव गठित नगर पंचायतों में चली गई है। शेष 72 परियोजना में विभाग अब तक सिर्फ 32 को ही ग्राम पंचायतों को हैंडओवर कर पाया है। 40 परियोजनाएं समूह व ग्राम पंचायतों के तैयार न होने से हस्तांतरित नहीं हो पाई है। इसकी वजह पाइप लाइन में लीकेज है।
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यहां शो पास बने हैं पेयजल टैंक
रानीगांव व कुर्थिया में 2014-15 में 63.90 लाख की लागत से ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया। निर्माण के बाद ट्रायल तो हुआ, लीकेज के चलते जलापूर्ति नहीं हुई। डहरा बाबू में 2014-15 में शुरू हुई परियोजना 2017 में तैयार हुई। ग्राम बेइली में 2013-14 में 96 लाख की लागत से 125 किलो लीटर की क्षमता वाली पानी की टंकी बनने के बाद ट्रायल में पाइप लाइन फट गई। ग्राम एकमा में सप्लाई तो है लेकिन अधिकांश घरों तक टोटी नहीं लगाया जा सका है। ग्राम पाल्हा में 63.49 लाख से 2014 में पानी की टंकी का निर्माण हुआ । लेकिन कुछ घरों तक ही आपूर्ति हो पा रही है । छरदही में टंकी का निर्माण 4.98 करोड़ की लागत से हुआ। राम जानकी मार्ग पर ह्यूम पाइप डालते समय मेन पाइप टूट जाने से पानी की आपूर्ति ठप है।
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72 परियोजनाएं पूरी है। 32 को हैंडओवर कर दिया गया है। शेष का प्रयास किया जा रहा है। पाइप लाइन का लीकेज ठीक करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है।
-विशेश्वर प्रसाद, अधिशासी अभियंता जलनिगम।