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गोरखपुर के 23 हजार बुजुर्गों की हमदर्द बनेगी पुलिस, अब तक 9288 बुजुर्गों का डाटा तैयार

जिले में तमाम बुजुर्ग ऐसे हैं जिनके बेटे घर से बाहर रहते हैं। रिश्तेदार दूरदराज रहते हैं। अक्सर बीमार होने पर वह खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। मन में सदैव असुरक्षा का भाव रहता है। यूपी 112 की टीम ऐसे बुजुर्गों को चिन्हित कर रही है।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 04:07 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 04:39 PM (IST)
गोरखपुर के 23 हजार बुजुर्गों की हमदर्द बनेगी पुलिस, अब तक 9288 बुजुर्गों का डाटा तैयार
पुलिस मदद से संबंधित प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर पुलिस जिले के 23 हजार बुजुर्गों की हमदर्द बनेगी। यह बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके परिवार के लोग बाहर रहते हैं। यह अक्सर बीमार रहते हैं। पुलिस इनका डेटा तैयार कर रही है। ताकि जरूरत पडऩे पर पुलिस जल्द से जल्द उन्हें आवश्यक मदद दे सके।

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जिले में तमाम बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके बेटे घर से बाहर रहते हैं। रिश्तेदार दूरदराज रहते हैं। अक्सर बीमार होने पर वह खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। मन में सदैव असुरक्षा का भाव रहता है। यूपी 112 की टीम ऐसे बुजुर्गों को चिन्हित कर रही है। जिले में प्राथमिक स्टेज पर करीब 23 हजार बुजुर्ग चिन्हित किये जा चुके हैं। इनमें से 9288 का थाने के द्वारा सत्यापन भी हो चुका है। करीब दो हजार का डेटा भी फीड हो चुका है। जल्द ही इनका डेटा पुलिस विभाग में आनलाइन हो जाएगा। डेटा आनलाइन होने पर यह आवश्यक जरूरतों पर अपने पंजीकृत नंबर यूपी 112 पर फोन करेंगे तो वरिष्ठ नागरिक के तौर पर उनकी काल दिखेगी। एमडीटी(मोबाइल डेटा टर्मिनल)  पर संबंधित बुजुर्ग का पूरा पता आ जाएगा। इससे संबंधित थाना क्षेत्र की पीआरवी को मौके पर पहुंचने पर अधिक समय नहीं लगेगा।

जानिए किस तरह की मिलेगी मदद

पंजीकृत अकेले रहने वाले बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो गई है। अथवा वह किसी आपातकालीन समस्या में हैं। बुजुर्ग को आस-पास के रहने वाले लोगों द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा है तो उन्हें तत्काल पीआरवी की सहायता मिल सकेगी।

जानिए क्या डेटा होगा पुलिस के पास

पुलिस के बुजुर्ग की बीमारी से लेकर, उन्हें चलने वाली दवाएं, उनके पुत्र व रिश्तेदारों की जानकारियां सहित उनके करीबी रिश्तेदारों का मोबाइल नंबर पास में होगा। ताकि जरूरत पर बुजुर्ग को मदद पहुंचाने के साथ ही पुलिस उनके पुत्र व रिश्तेदारों को सूचित कर सके।

ऐसे कराएं पंजीयन

संबंधित व्‍यक्ति 112 नंबर डायल करके पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा यूपी पुलिस की वेबसाइट के माध्यम से, यूपीकाप मोबाइल एप के माध्यम से और स्थानीय स्तर पर आयोजित कैंप के जरिये भी पंजीयन कराया जा सकता है। यूपी 112 के प्रभारी निरीक्षक वीरसेन सिंह का कहना है कि सवेरा योजना के तहत पुलिस अभी भी बुजुर्गों की मदद कर रह रही है। इन्हें पंजीकृत किया जा रहा है। प्राथमिक स्तर पर करीब 23 हजार लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। पंजीयन होने के बाद पीआरवी को उन तक पहुंचने में सहूलियत होगी।


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