स्कूलों के 'कायाकल्प' की रफ्तार धीमी
जिले के 547 विद्यालयों में होने हैं 6899 तरह के कार्य 233 स्कूलों में काम शुरू छह में पूरा होने का भी दावा
बस्ती : बेसिक शिक्षा परिषद के जीर्णशीर्ण स्कूलों में 'आपरेशन कायाकल्प' की रफ्तार सुस्त है। आधे विद्यालयों में अब तक काम ही शुरू नहीं हो सका है तो जहां चल भी रहा है वहां काम की गति धीमी है। बीएसए को भेजी रिपोर्ट में पंचायती राज विभाग ने कई स्कूलों में काम चलने की बात कही है।
परिषदीय विद्यालयों को शौचालय, पेयजल, रसोई घर, भवन मरम्मत समेत अन्य सुविधाओं से लैस करने लिए वर्ष 2019 में आपरेशन कायाकल्प की शुरूआत हुई है। पंचायतीराज विभाग को इसके लिए अधिकृत किया गया है, जो राज्य एवं 14वां वित्त के मद से इस काम को कराएगा। प्राथमिक एवं जूनियर हाइस्कूलों को तीन श्रेणी में बांटकर यह काम विकास योजना, ग्राम पंचायत विकास योजना और प्लान प्लस के तहत कराए जाने हैं।
जनपद के 2386 परिषदीय विद्यालयों में से 547 को आपरेशन कायाकल्प के तहत चिन्हित किया गया है। इसमें 321 के भवन जीर्णशीर्ण हो चुके हैं। कई स्कूलों के बच्चे तो दूसरे भवन में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग ने विद्यालय में होने वाले कार्यो की सूची तैयार कराकर पंचायती राज विभाग को उपलब्ध करा दी है।
जिला पंचायतीराज अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि योजना के तहत 233 विद्यालयों में काम चल रहा है। छह में पूरा हो चुका है, बाकी में भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार शुक्ला ने बताया कि पंचायत राज विभाग से कायाकल्प योजना की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। इसे जल्द पूरा कराने के लिए विभागीय अधिकारियों से बात की जा रही है।