उधार के आक्सीजन सिलेंडर पर टिकी जिला अस्पताल की व्यवस्था
जिला अस्पताल में आक्सीजन की खपत दोगुनी बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, बस्ती : जिला अस्पताल में आक्सीजन की खपत दोगुनी हो गयी है। कोरोना काल में अप्रैल से यहां मरीजों की आवक बढ़ी है। तभी आक्सीजन की जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है। जिला अस्पताल के पास खुद की व्यवस्था भी नहीं है। अस्पताल को संकट से उबारने के लिए उधार के सिलेंडरों से काम चलाया जा रहा है। अस्पताल में उपलब्ध 61 सिलेंडरों में से 30 उधार के हैं।
सेंटर आफ आक्सीजन प्लांट से अस्पताल के मेडिकल, सोल्जर और पीआइसीयू में पाइप लाइन के जरिये बेडों तक सप्लाई की व्यवस्था है। सामान्य दिनों में चार से पांच सिलेंडरों की खपत प्रतिदिन होती रही है। चिल्ड्रेन वार्ड के पीआइसीयू में खपत ज्यादा थी। अप्रैल से यहां कोविड-19 मरीजों की भर्ती शुरू हो गई। अचानक आक्सीजन की खपत बढ़ गई। औसतन आठ सिलेंडर प्रतिदिन खर्च हो रहा है। इस प्लांट में अस्पताल का अपना 31 सिलेंडर ही है। खपत बढ़ने पर गोरखपुर से तीस सिलेंडर उधार के मंगाए गए हैं। गोरखपुर की कंपनी कर रही आपूर्ति प्रत्येक दो से तीन दिन पर औसतन 25 से 30 सिलेंडरों की आपूर्ति अस्पताल के सेंटर ऑफ आक्सीजन प्लांट में हो रही है। इसका जिम्मा गोरखपुर की एक कंपनी के पास है। वर्तमान में 61 सिलेंडरों में से 55 ही भरे हैं। छह सिलेंडर खाली रखे हैं। मरीजों का दबाव यदि बढ़ा तो आक्सीजन की कमी का संकट यहां भी खड़ा हो सकता है। एक सिलेंडर में 7.14 घन मीटर आक्सीजन भरा रहता है। प्रतिदिन औसतन 57 घनमीटर की खपत जिला अस्पताल के आक्सीजन सेंटर प्लांट में हो रही है।
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जरूरत के हिसाब से प्रत्येक दो-तीन दिन बाद हम कंपनी को आक्सीजन की डिमांड कर देते हैं। सप्लाई मिल जाती है। फिलहाल अभी तक आक्सीजन की यहां पर कोई दिक्कत नहीं है।
डा. आरके सिन्हा, नोडल प्रभारी, आक्सीजन सेंटर