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फेहरिस्त लंबी और नतीजा सिफर

बस्ती : सरकारी स्कूलों की दास्तां मत पूछिए साहब। इन्हें शिक्षा की दौड़ में निजी स्कूलों ने पीछ

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 11:10 PM (IST)
फेहरिस्त लंबी और नतीजा सिफर

बस्ती : सरकारी स्कूलों की दास्तां मत पूछिए साहब। इन्हें शिक्षा की दौड़ में निजी स्कूलों ने पीछे छोड़ दिया है। परिषदीय और माध्यमिक स्कूलों को जोड़कर देखें तो फेहरिस्त बहुत लंबी है। यही कोई 2761 विद्यालय जनपद में सरकार के हैं। मगर सीबीएसई पैटर्न के चार स्कूलों को छोड़ दें तो शायद ही पठन-पाठन के मामले में कोई सरकारी स्कूल बहुत कारगर है। सिर्फ विद्या मंदिर का ढांचा है। विद्या यहां से गायब है। उपस्थिति पंजिका में छात्र संख्या भले ही बरकरार है। मगर सत्र भर न तो बच्चे रहते हैं और न ही शिक्षक। इसी वजह से इन स्कूलों का नतीजा सिफर है। शिक्षकों की कमी प्राइमरी स्तर से लेकर माध्यमिक स्तर तक वर्षों से है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक सरकारी स्कूलों में हैं ही नहीं। कुछ सरकारी माध्यमिक विद्यालय प्रधानाचार्य से महरूम हैं। औरों को छोड़िए राजकीय इंटर कालेज, राजकीय कन्या इंटर कालेज, राजकीय इंटर कालेज सोनबरसा, राजकीय इंटर कालेज कछिया में प्रधानाचार्य का पद काफी दिनों से रिक्त है। यही हाल राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिकटा और अजगयवा जंगल का भी है। यहां भी प्रधानाचार्य नहीं हैं। शिक्षकों की कमी तो लगभग सभी राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में है। जब शिक्षक ही नहीं तो इन स्कूलों में पढ़ाई क्या खाक होगी। तभी तो इस बार बोर्ड परीक्षा में सख्ती हुई तो हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के एक मुश्त विद्यार्थी परीक्षा छोड़ने पर विवश हो गए। वर्ष भर स्कूलों में पठन-पाठन हुआ ही नहीं। वित्तविहीन स्कूल स्वतंत्र हैं। मगर ¨कचित स्कूलों को छोड़ दें तो अधिकांश केवल व्यवसायिक ²ष्टिकोण से संचालित हैं। यहां पढ़ाई से ज्यादा डिग्री दिलाने का कारोबार होता है। इस बार सरकार ने उनकी भी मंशा पर पानी फेर दिया। अब गौर करिए अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों पर। जिले में आइसीएसई पैटर्न का एक, सीबीएसई पैटर्न के 16 निजी स्कूल हैं। यहां पढ़ाई के बलबूते छात्रों की भरमार है। महंगी शिक्षा के बावजूद यह विद्यालय अभिभावक और छात्रों की पहली पसंद हैं। प्राइमरी स्कूलों का भी हाल एक जैसा है। यह खेलकूद के अड्डे बनकर रहे गए हैं।

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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी ¨चता का विषय है। हालांकि अब सुधार की कार्रवाई शासन ने शुरू की है। नकल विहीन परीक्षा कराई जा रही है। शिक्षकों की कमी पूरी करने के भी प्रयास हो रहे हैं। विभाग ने इस कमी से शासन को अवगत करा दिया है। अस्थाई रूप से शिक्षकों के चयन के लिए निर्देश भी प्राप्त हुआ है। यह कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

मनोज कुमार द्विवेदी, संयुक्त शिक्षा निदेशक, बस्ती मंडल।

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जिले में स्कूलों की स्थिति

माध्यमिक शिक्षा परिषद

राजकीय हाईस्कूल- 16

राजकीय इंटरमीडिएट कालेज- 4

अशासकीय सहायता प्राप्त हाईस्कूल- 35

अशासकीय सहायता प्राप्त इंटरमीडिएट कालेज- 35

वित्तविहीन मान्यता प्राप्त हाईस्कूल- 56

वित्तविहीन मान्यता प्राप्त इंटरमीडिएट कालेज- 225

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बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूल

प्राइमरी पाठशाला- 1747

छात्र संख्या- 144128

जूनियर विद्यालय- 639

छात्र संख्या- 42552

कार्यरत शिक्षक- 4000

रिक्त पद- लगभग 700

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निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल

आइसीएसई पैटर्न विद्यालय- 1

सीबीएसई पैटर्न विद्यालय- 16

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शिक्षकों की स्थिति

राजकीय इंटरमीडिएट कालेज-

प्रधानाचार्य सृजित पद- 4

तैनाती- कोई नही

सृजित प्रवक्ता पद- 48

तैनाती- 12, रिक्त पद- 36

सृजित सहायक अध्यापक पद- 70

तैनाती- 42, रिक्त पद- 28

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राजकीय हाईस्कूल

सृजित प्रधानाचार्य पद- 16

तैनाती- 14, रिक्त पद- 2

सृजित सहायक अध्यापक पद- 112

तैनाती- 22, रिक्त पद- 90

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सहायता प्राप्त हाईस्कूल विद्यालय

सृजित सहायक अध्यापक पद- 482

तैनाती- 252, रिक्त 230 पद

सहायता प्राप्त इंटर मीडिएट कालेज

सृजित प्रवक्ता पद- 292

तैनाती- 185, रिक्त पद- 107

सृजित सहायक अध्यापक पद- 702

तैनाती- 367, रिक्त पद- 335

परिषद के बोर्ड परीक्षार्थी

हाईस्कूल कुल विद्यार्थी- 52563

परीक्षा में गैर हाजिर विद्यार्थी- 8958

इंटरमीडिएट कुल विद्यार्थी- 40987

परीक्षा में गैर हाजिर विद्यार्थी- 5541

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