लाइनलास वाले फीडरों ने अभियंताओं की बढ़ाई चिता
बस्ती में बिजली विभाग में राजस्व वसूली के गिरते ग्राफ से परेशान अधिकारी हैं।
जासं. बस्ती : विद्युत विभाग इन दिनों लाइनलास के संकट से गुजर रहा है। हाई लाइनलास वाले फीडरों ने अब अभियंताओं की चिता बढ़ा दी है। यह सारी कवायद राजस्व वसूली के गिरते ग्राफ को लेकर शुरू की गई है।
जिले में चार विद्युत वितरण खंड प्रथम, द्वितीय, तृतीय व हर्रैया है। इसके अधीन 60 विद्युत फीडर संचालित हैं। कप्तानगंज के जलनिगम फीडर पर 94 फीसद जबकि माइक्रोवेब फीडर पर 91 फीसद लाइनलास है। शेष फीडरों पर भी लाइनलास कम नहीं है। जनप्रतिनिधियों की मदद से लाइनलास की कमी लाने के प्रयास में अभियंता जुट गए हैं। हाई लाइनलास वाले 30 फीडरों से वसूली की जिम्मेदारी विजिलेंस को सौंपी गई है जबकि उससे कम लाइनलास वाले 30 फीडरों से वसूली अभियंता खुद सुनिश्चित करेंगे। बताया जा रहा है कि जितने रुपये में बिजली की खरीदारी कर आपूर्ति दी जा रही है, उसके सापेक्ष राजस्व न आने से लाइनलास का संकट बढ़ा है।
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15 फीसद लाइनलास वाले को 24 घंटे बिजली :
पावर कारपोरेशन ने यह तय किया है कि यदि हाई लाइनलास से जूझ रहे फीडर की लाइनलास 15 फीसद तक आ जाती है तो उस फीडर की आपूर्ति 24 घंटे अनवरत कर दी जाएगी। यह लक्ष्य अभियंता व विजिलेंस टीम को तय करना है,वह भी 90 दिनों के भीतर।
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70 मेगावाट हावर्स बिजली की प्रति माह खपत
जिले में साढ़े तीन लाख उपभोक्ता हैं। इन सभी पर हर माह 70 मेगावाट हावर्स बिजली की खपत हो रही है। इसके सापेक्ष करीब विभाग को 21 करोड़ रुपये राजस्व वसूली करनी होती है, लेकिन बमुश्किल 13 से 14 करोड़ रुपये ही वसूली हो पा रही है। सर्वाधिक खराब स्थिति ग्रामीण फीडरों की है।
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90 दिन में हाई लाइनलास वाले 60 फीडरों की स्थिति सुधारने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। यह लाइल लास कम करके 15 फीसद तक हर हाल में लाना है। ऐसा होने पर फीडर को 24 घंटे बिजली मिलती
आरबी कटियार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल बस्ती