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किसान पाठशाला में जुटाए जा रहे दिहाड़ी मजदूर

बस्ती : परशुरामपुर ब्लाक में चलाया जा रहा किसान पाठशाला सिर्फ खानापूरी बनकर रह गया है। फोटो सेशन तक

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 11:59 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 11:59 PM (IST)
किसान पाठशाला में जुटाए जा रहे दिहाड़ी मजदूर
किसान पाठशाला में जुटाए जा रहे दिहाड़ी मजदूर

बस्ती : परशुरामपुर ब्लाक में चलाया जा रहा किसान पाठशाला सिर्फ खानापूरी बनकर रह गया है। फोटो सेशन तक ही यह कार्यक्रम संचालित हो पा रहा है। इसके बाद पूरी हो जा रही रस्म अदायगी। 2 घंटे की कक्षा में किसान की जगह ईट भट्ठों के मजदूर और ड्राइवर आदि शामिल किया जा रहा है।उनके हाथ में कृषि उन्नयन की पुस्तिका पकड़ाकर फोटो बना ली जा रही है। उपस्थिति रजिस्टर में कुछ लोगों का नाम दर्ज कर पाठशाला की इतिश्री कर ली जा रही है। सुबह 9.30 बजे अहिरौली प्राथमिक पाठशाला में किसान पाठशाला लगनी थी। राजकीय कृषि बीज भंडार के प्रभारी मांगेराम व सहायक तकनीकी प्रबंधक सुमित शुक्ला कार्यक्रम में पहुंचाने के लिए आदमी ढूंढते रहे। बगल में बाग में खेलते कुछ बच्चे नजर आए उन्हें बुला लिया गया। सड़क निर्माण में काम कर रहे बिहारी मजदूर भी किसान पाठशाला में बिठाए गए। बस शुरू हो गई प्रशिक्षण कार्रवाई। बैनर टांगा। मजदूरों के हाथ में शासन की पुस्तिका पकड़ाई और हो फोटो ग्राफ। इसी औपचारिकता के साथ किसान पाठशाला पूरी हो गई। पूछने पर मजूदर ने अपना नाम चंदर निवासी औरंगाबाद बिहार तथा दूसरे ने अपना नाम जयराम पटना बिहार बताया। कुछ ऐसी महिलाएं भी थी जिन्हें फसलों के नाम तक नही मालूम। अब यदि अन्नदाता के अधिकारों के साथ इस तरह का छलावा होगा तो भारत की कृषि व्यवस्था कैसे सुधरेगी।

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पाठशाला में यह है सिखाना

किसान पाठशाला में पहले दिन किसानों की आय दोगुनी के उद्देश्य से एकीकृत फसल प्रबंधन, पशुपालन, उद्यान, दुग्ध उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन व टिकाऊ खेती, फसल चक्र के सिद्धांत, गर्मी की जुताई, हरी खाद, कंपोस्ट खाद, वर्मा कंपोस्ट का महत्व, फसल अवशेष प्रबंधन, जैविक खेती आदि के बारे में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को प्रशिक्षित करना है। दूसरे दिन खरीफ फसलों की उन्नत विधियां, बीज शोधन, फसलवार प्रजातियों का चयन, कृषि विविधीकरण, औद्यानिक फसलों की खेती, नए बागों की स्थापना, खरीफ सब्जियों का उत्पादन, कृषि वानिकी और तीसरे दिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, देय अनुदान, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण, कृषि रक्षा, ¨सचाई एवं जल प्रबंधन, खेत तालाब, बौछार ¨सचाई आदि के बारे में प्रशिक्षित किया जाना है।

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किसान हो रहे जागरूक

राजकीय कृषि बीज भंडार परशुरामपुर के प्रभारी मांगेराम ने बताया कि व्यस्त शेड्यूल होने के नाते पाठशाला कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी नही हो पा रही है। फिलहाल इस कार्यक्रम के जरिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।


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