सरयू का जलस्तर बढ़ा, कटान से गांवो में दहशत
खतरे के निशान से 25 सेमी नीचे हैं सरयू का पानी
बस्ती: लगातार हो रही बारिश के चलते सरयू नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहे जलस्तर ने नदी किनारे पर बसे लोगों की नींद उड़ा दी है। जल स्तर में बढ़त की यही स्थिति बनी रही तो बुधवार की सुबह तक सरयू नदी खतरे का निशान पार कर जाएगी।
केंद्रीय जल आयोग अयोध्या की माने तो मंगलवार को दिन में करीब 12 बजे सरयू नदी का जलस्तर 92. 480 मी रिकॉर्ड किया गया जो कि खतरे के निशान 92.730 से 25 सेंटीमीटर नीचे हैं। नदी के जलस्तर मे लगातार वृद्धि हो रही है, इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि नदी खतरे का निशान पार कर जाएगी। विक्रमजोत विकास खंड के आधा दर्जन तटबंध विहीन गावों में नदी का तेवर देख उसके किनारे बसे ग्रामीण बाढ़ आने से पहले अपनी जरूरत की सामग्रियों को जुटाने में लग गए हैं। बढ़ते जलस्तर के चलते भरथापुर व बाघानाला गावों मे कटान भी शुरू हो गई है, जिसके चलते उपजाऊ भूमि नदी में समाने लगी है। बरसात के चलते बाढ़ खंड की ओर से कराए जा रहे स्परों का निर्माण कार्य भी बाधित हो गया है। ऐसे में सरयू ने अगर रौद्र रूप धारण किया तो कल्याणपुर, भरथापुर,पड़ाव, चानपुर,संदलपुर गावों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जाएगा, क्योंकि सरयू इन गावों से एकदम सटकर बह रही है। बाघानाला के विनोद कुमार, बिफई , कन्हैया , सरवन , भरथापुर के जितेंद्र सिंह , दयाराम , पुष्पा , प्रभावती , कल्याणपुर के हेमंत कुमार पांडेय , केशव चंद्र पांडेय , कमलाकांत पांडेय , सुशील कुमार यादव , संजय यादव , अभिषेक शर्मा ,राज बहादुर ,अभिषेक पांडेय , मंगल प्रसाद सहित तमाम ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा हर साल कहा जाता है कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों के बिस्थापन की व्यवस्था की जाएगी, बाढ़ से बचाने के लिए बांध बनाया जाएगा, मगर आज तक उस पर अमल नहीं किया गया। प्रभावित होने वाले गांवों में बाढ़ खंड के अधिकारी महीने भर से नहीं आए हैं ।