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मुसलमान कर सकते हैं जबानी हिब्बा

अपर आयुक्त ने दिया हिब्बानामे की सत्यता जाचने का आदेश

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:07 PM (IST)
मुसलमान कर सकते हैं जबानी हिब्बा
मुसलमान कर सकते हैं जबानी हिब्बा

बस्ती: कानून में मुसलमानों को मौखिक रूप में दान देने का अधिकार प्राप्त है। केवल इस आधार पर दानपत्र खारिज नहीं किया जा सकता कि स्टांप नहीं लगा है। अपर आयुक्त वीके दोहरे ने तहसीलदार डुमरियागंज का ़फैसला निरस्त करते हुए हिब्बानामे की सत्यता जांच कर उचित आदेश पारित करने का आदेश दिया है। सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज तहसील के गावसेखुई की खतीजा बेगम ने टीएन लाल एडवोकेट के जरिए आयुक्त न्यायालय में अपील दाखिल की। खतीजा के अनुसार अकील मोहम्मद ने एक फरवरी 2006 को अपंजीकृत हिब्बा उसके पक्ष में कर दिया। दूसरे पक्ष के जहिरुल व सिदासुन्नीसा ने 8 बैनामा अकील से कराया। सिदासुन्नीसा ने 8 मई 2006 को पंजीकृत हिब्बानामा अपने पक्ष में करा लिया। खतीजा ने नामांतरण वाद 23 फरवरी 2006 को दाखिल किया। अदालत ने अपंजीकृत होने के आधार पर खतीजा का मुकदमा निरस्त कर दिया। मुस्लिम विधि के अनुसार जबानी हिब्बा उतना ही प्रभावी होता है जितना कि लिखित बशर्ते कि वह मुस्लिम विधि के अंतर्गत मान्य हिब्बा की शर्तों को पूरा करता है। तहसीलदार व उपजिलाधिकारी डुमरियागंज द्वारा अपंजीकृत हिब्बा की सत्यता के संबंध में कोई विचार नहीं किया गया। मात्र राजस्व क्षति एवं अन्य तकनीकी ¨बदुओं का उल्लेख करते हुए मुकदमा निरस्त किया गया था। अपर आयुक्त ने निचली अदालतों का फैसला निरस्त कर दिया।नए सिरे से पत्रावली का निस्तारण करते हुए सुनवाई हेतु पत्रावली निचली अदालत को वापस किया है।

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