नामांकन 18 का उपस्थित मिले चार बच्चे
फोटो.1 2 -प्राथमिक विद्यालय ककरहवा का हाल जासं दुबौलिया हर्रेया बस्ती सरकार की मंशा निजी विद्यालयों की तरह ही परिषदीय विद्यालयों में भी बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने और पठन-पाठन की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की है लेकिन अफसरों व शिक्षकों की लापरवाही के चलते शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है। दुबौलिया विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ककरहवा में नामांकन 1
बस्ती: सरकार की मंशा निजी विद्यालयों की तरह ही परिषदीय विद्यालयों में भी बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने और पठन-पाठन की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की है, लेकिन अफसरों व शिक्षकों की लापरवाही के चलते शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।
दुबौलिया विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ककरहवा में नामांकन 18 बच्चों की है जबकि यहां अक्सर उपस्थिति कम रहती है। मंगलवार को 4 बच्चों की उपस्थिति थी। जबकि एमडीएम रिपोर्ट सात बच्चों का बना था। प्रधानाध्यापक जीत बहादुर उपस्थित नहीं थे। सहायक अध्यापक सौरभ शुक्ल ने बताया कि प्रधानाध्यापक बैंक के कुछ कागजात बीआरसी में जमा करने गए हैं जबकि प्रधानाध्यापक जीत बहादुर से दूरभाष पर बात करने पर उन्होंने बताया कागजात जमा करने के बाद आवश्यक कार्य पड़ जाने के कारण घर चला आया हूं।
खंड शिक्षा अधिकारी राम बहादुर ने बताया शिक्षक को अगर कुछ भी बीआरसी पर जमा करना होता भी है तो स्कूल बंद होने से आधा घंटा पहले स्कूल छोड़ सकता है लेकिन अगर वह बीच में छोड़ा है तो यह जांच का विषय है। प्रधानाध्यापक से इसके लिए स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
सरकार का जोर खुले में शौचमुक्ति पर है। इसके लिए शौचालय निर्माण पर शासकीय धन पानी की तरह बहाया जा रहा है। बावजूद इसके प्राथमिक विद्यालय ककरहवा में शौचालय न होने से बच्चों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। परिसर में एक हैंडपंप है वह भी दूषित पानी दे रहा है।