अधूरा रह गया दो ठोकरों का काम
बस्ती: बाढ़ खंड समय-समय पर कमाल करता रहता है। विभाग बाढ़ से बचाव का कार्य तब शुरू करता
बस्ती: बाढ़ खंड समय-समय पर कमाल करता रहता है। विभाग बाढ़ से बचाव का कार्य तब शुरू करता है जब बरसात का सीजन निकट आ जाए या बाढ़ आ जाए। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। सूखे के मौसम में न तो विभाग को काम कराने की आदत है और न ही सरकार की। ऐसे में जो नतीजा निकलना चाहिए वह निकलता नहीं है। कलवारी रामपुर तटबंध पर बाढ़ खंड विभाग ने 29 करोड़ की लागत से सात स्परों का निर्माण, पि¨चग व अप्रेन का काम कराना था। जिसमें पांच ठोकरों का निर्माण कार्य तो विभाग ने पूर्ण करा दिया और शेष दो ठोकरों का निर्माण तेजी से चल रहा है। वर्ष 2017 में ठोकर संख्या 3 से 7 नंबर का निर्माण कार्य हुआ था । बाढ़ का दबाव तेज होने के कारण इसमें से अधिकांश ठोकरों का निर्माण विभाग ने अधूरा ही छोड़ दिया और बंधा बचाने में लग गए। ठोकरों पर पानी के दबाव के कारण अप्रेन का काम नहीं हो पाया था। स्पर संख्या 10 -11 व 11-12 के बीच विभाग के जिम्मेदारों ने आज तक अप्रेन लगवाना उचित नहीं समझा। यह स्पर बाढ़ चौकी के ही सामने है। ठोकर संख्या 6 के सामने नोज पर बोल्डर नहीं बिछाया गया। काम के ही समय नदी में पानी आ जाने के कारण विभाग ने काम करना बंद कर दिया। जानकारों का मानना है कि यदि अप्रेन बाढ़ के पहले नहीं बनाया जाएगा तो बंधा असुरक्षित रहेगा। नदी के दबाव से कभी भी यहां बंधा कट सकता है। जिससे पड़ोसी जनपद सहित दर्जनों गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। वही बाढ़ खंड का दावा है कि विगत वर्ष में बने चारो ठोकरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और साथ ही साथ अप्रेन व पि¨चग का कार्य भी पूरा कर दिया गया है। अवर अभियंता पीके पांडेय ने बताया कि चारो ठोकरों का निर्माण पूरा हो चुका है। शेष बचे दो ठोकरों का निर्माण भी पूरा हो जाएगा। रही बात अप्रेन लगवाने की तो पिछली बार बाढ़ आने के कारण यह नहीं लग पाया था। इसके स्थान पर बंधे को बचने के लिए बोल्डर की दीवार बना दी गई थी। जिससे बंधा सुरक्षित हो गया था।