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भारतीय मनीषा में नारी का सम्मान सर्वोपरि

समूचे देश में नवरात्रि में मां दुर्गा के आराधना का सूत्र ही यही है कि सृष्टि का संचालन नारी के हाथ में हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 11:18 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 06:02 AM (IST)
भारतीय मनीषा में नारी का सम्मान सर्वोपरि
भारतीय मनीषा में नारी का सम्मान सर्वोपरि

बस्ती: कबीर साहित्य सेवा संस्थान की ओर से मंगलवार को प्रेस क्लब में 'नारी सशक्तीकरण में समाज की भूमिका' विषयक संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। साहित्यकार डा. वीके वर्मा ने कहा कि भारतीय मनीषा में नारी का सम्मान सर्वोपरि है। संसार में मां ही किसी बेटे या बेटी को जन्म देती है।

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समूचे देश में नवरात्रि में मां दुर्गा के आराधना का सूत्र ही यही है कि सृष्टि का संचालन नारी के हाथ में हैं। नारी अबला नहीं सबला है। समाज को नारी के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। कवि डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' ने कहा कि माता ही हमें संसार का दर्शन कराती है। दुर्भाग्य है कि आज समाज में नारी को भोग्या बनाकर प्रस्तुत करने के साथ ही उन्हें अपमानित किया जा रहा है। साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि बेटियां हैं तो भविष्य सुरक्षित है। हमें बेटा और बेटी में भेदभाव समाप्त करना होगा। डा. दशरथ प्रसाद यादव, मो. वसीम अंसारी, जय प्रकाश गोस्वामी, दीन बंधु उपाध्याय, सर्वेश श्रीवास्तव ने भी अपनी बात रखी। संस्थान की ओर से डा. वीके वर्मा को 'साहित्य मनीषा ' सम्मान से सम्मानित किया गया।

दूसरे सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन में डा. रामकृष्ण लाल जगमग, डा. राममूर्ति चौधरी, पंकज सोनी, जगदम्बा प्रसाद भावुक, श्रीकृष्ण चौधरी, वृजेश लाल यादव, नीलम सिंह, हीरालाल यादव, वृजेश यादव के साथ ही ने काव्य पाठ किया। आयोजक मो. सामईन फारूकी ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।


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