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उद्यान विभाग जनवरी में कर रहा जुलाई की जांच

बस्ती : उद्यान विभाग में योजनाएं अब बेपटरी हो चली हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jan 2018 10:42 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 10:42 PM (IST)
उद्यान विभाग जनवरी में कर रहा जुलाई की जांच
उद्यान विभाग जनवरी में कर रहा जुलाई की जांच

बस्ती : उद्यान विभाग में योजनाएं अब बेपटरी हो चली हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को तय समय पर उपलब्ध कराने की लाख कोशिश करे पर, उनके हुक्मरान यहां योजनाओं को पलीता लगाने में जुट गए हैं। कुछ ऐसा ही हाल है उद्यान विभाग का, जहां बजट और किसान की उपलब्धता के बाद भी अनुदान की रकम लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। हालत यह है कि जुलाई की जांच जनवरी में की जा रही है। जांच के चक्कर में केला खेती करने वाले किसानों का अनुदान फंस गया है। उद्यान विभाग अपनी ही योजनाओं का संचालन किस तरह से कर रहा है यह उसकी कार्यप्रणाली से ही उजागर हो रहा है। जिन योजनाओं की सब्सिडी किसानों को जुलाई में ही मिल जानी थी उसकी जांच जनवरी में किए जाने से किसान अनुदान वंचित हैं। बागवानी के तहत केला, आम, अमरूद का अनुदान किसानों को जुलाई 17 में ही मिल जाना था। इसकी जांच अब होने से कुछ फसल खेत में ही नष्ट हो गई जिससे जांच का भी कोई फायदा नहीं निकल रहा है। अनुदान भी घटा दिया जा रहा है। जबकि किसान जुलाई में लक्ष्य के तहत फसल लगाए गए थे।

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अनुदान पर 40 हेक्टेयर में हुई है केले की खेती

वर्ष 2017-18 में राज्य औद्यानिक मिशन के तहत उद्यान विभाग में 40 हेक्टेयर में केला की खेती कराने का लक्ष्य आया था। इसमें किसानों को चयनित किया गया। चयनित किसानों ने जुलाई में फसल लगा दी। अब उसकी जांच कर उन्हें अनुदान दे देना चाहिए था। पर जांच ने अनुदान की राह रोक दी और जनवरी में जांच करके किसानों के सपने तोड़ रहे।

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हाल ही में हुए घोटाले ने धीमी कर दी रफ्तार

हाल ही में उद्यान विभाग में प्रधानमंत्री ¨सचाई योजना में हुए 88 करोड़ के घोटाले के बाद विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसी नाते योजनाओं की रफ्तार धीमी पड़ गई है, यहां तक कि पिछले साल का भुगतान किसानों का अभी तक नहीं हो पा रहा है।

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जो किसान केले की खेती अनुदान पर किए हैं, उनकी जांच अब तक हो जानी चाहिए थी लेकिन, कुछ तकनीकी कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। जांच टीम रिपोर्ट दे रही, जिसके बाद भुगतान किया जाएगा। कुछ किसानों का भुगतान हो चुका।

मुन्ना यादव, जिला उद्यान अधिकारी


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