30 वर्ष बाद भी पार्क व स्टेडियम मयस्सर नहीं
बस्ती हर्रैया नगर पंचायत सृजन के 30 वर्ष बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत को अभी तक पार्क और
बस्ती : हर्रैया नगर पंचायत सृजन के 30 वर्ष बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत को अभी तक पार्क और स्टेडियम मयस्सर नहीं हो पाया है। लोगों को अपनी सेहत बनाने के लिए कोई उपयुक्त स्थान नहीं मिल पा रहा है। खेल प्रेमियों में भी मायूसी है। सेहत का ख्याल रखने वाले लोग जान जोखिम में डाल कर हाईवे पर सुबह की सैर करते है।
नगर निकाय चुनाव में यह अहम समस्या हमेशा प्रमुख मुद्दा था जो अभी बरकरार है। इस सुविधा की आस में तमाम युवा जवान हुए और अब बुढ़ापे की दहलीज पर खड़े हैं, मगर उन्हें यह सुविधाएं नहीं मिल पाई।
नगर पंचायत का सृजन वर्ष 1989 के सितंबर माह में हुआ था। दो वर्षों तक यहां प्रशासक के रूप में एसडीएम का शासन रहा। मोहल्ले के विनय सिंह, संतोष कसौधन, सुरेंद्र श्रीवास्तव, रवि सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग सुबह सैर पर निकलते है। ऐसे में हाईवे पर सैर करना खतरे से खाली नहीं है। महिलाएं असुरक्षा के भाव से सड़क पर अकेली नहीं निकलती है। खिलाड़ी विकास वर्मा, अखिल मिश्रा, सोनू यादव ने बताया कि खेल का मैदान न होने के कारण आसपास गांवों के खेतों में ही व अभ्यास करते है।
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पार्क के लिए भेजा गया है प्रस्ताव :
नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि जमीन के अभाव में अभी तक पार्क व स्टेडियम की सुविधा नहीं हो पाई है। वार्ड संख्या छह मोतीनगर के गाटा संख्या 130 को खाली कराकर पार्क निर्माण के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है। नगर पंचायत सीमा विस्तार में तमाम और गांव शामिल हुए हैं, जहां स्टेडियम के लिए जमीन तलाशी जा रही है।