मंडी में प्रवेश वर्जित होने से कारोबार ठप
बाहर से नहीं आ रही सब्जियों की गाड़ियां
बस्ती : नवीन मंडी परिसर वीरान हो चला है। कुछ थोक कारोबारी परिस्थितियों को देख घर बैठ गए तो कुछ मंडी व्यवसायी प्रशासन का पास लटकाए किस्मत को कोस रहे हैं। यहां खरीदारों की संख्या नहीं के बराबर है। लाकडाउन के बाद छोटे कारोबारियों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। मंडी के दोनों गेट पर ताला लटका है। सिर्फ एक गेट खोला गया है। इससे स्टाफ और पास होल्डर कारोबारी ही प्रवेश पा रहे हैं। फलों और सब्जियों की खरीद फरोख्त लगभग बंद है। कारोबारियों का भंडार आलू-प्याज, लौकी, कद्दू से भरा हुआ है। बिक्री न होने से यह सब्जियां खराब हो रही है। रविवार को जागरण टीम ने मंडी समिति की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई।
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शाहजहांपुर और महाराष्ट्र से आई दो गाड़ियां
मंडी में प्याज से लदी दो ट्रकें खड़ी थी। एक महाराष्ट्र और दूसरी शाहजहांपुर से आई थी। चालक शत्रुधन यादव ने बताया कि तीन दिन आए हो गए मंडी के थोक कारोबारी बिक्री न होने से गाड़ी खाली नहीं करा रहे हैं। खाने-पीने का भी संकट है।
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इनके यहां डंप है सब्जियां
मंडी कारोबारी अब्दुल मजीद के यहां टमाटर, प्याज, लौकी, कद्दू, मिर्चा अधिक मात्रा में डंप है। खरीदार न आने से हरी सब्जियां खराब भी हो जा रही है। मजीद ने बताया कि अन्य जनपदों में एहतियात के साथ मंडी चल रही है। छोटे दुकानदारों का प्रवेश वर्जित होने से कारोबार ठप सा हो गया है। आंखों के सामने पूंजी बर्बाद हो रही है। सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराते हुए फुटकर विक्रेताओं को आने देना था।
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मंडी में हमारा उत्पाद कोई पूछने वाला नहीं
उतरौला से आए किसान सज्जन और अब्दुल सत्तार ने बताया कि कद्दू और लौकी की खेती उन्होंने की है। किसी तरह उत्पाद को बस्ती मंडी में ले आए। यहां कोई खरीदने वाला ही नहीं है। महज 600 रुपये क्विटल में सौदा कर रहे हैं फिर भी कोई लेने को तैयार नहीं है।
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भीड़ की वजह से लगा प्रतिबंध
मंडी में खरीदारी के नाम पर भीड़ ज्यादा हो रही थी। इसलिए प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब पास होल्डर ही यहां आ सकते हैं।
राजितराम वर्मा, सचिव, मंडी समिति।
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मंडी में सब्जियों का भाव प्रति क्विटल
आलू- 1600
प्याज- 1800
कद्दू- 600
लौकी-1300
टमाटर- 2000
मिर्चा- 3000