अंत्येष्टि स्थल चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर
वर्ष 19-20 के लिए अंत्येष्टि स्थल निर्माण के चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए डीएम ने खंड विकास अधिकारियों को स्थलीय एवं अभिलेखीय सत्यापन कर तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
बस्ती : वर्ष 19-20 के लिए अंत्येष्टि स्थल निर्माण के चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए डीएम ने खंड विकास अधिकारियों को स्थलीय एवं अभिलेखीय सत्यापन कर तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में डीएम ने अंत्येष्टि स्थल निर्माण योजना की समीक्षा की। कहा शवदाह स्थल की संख्या सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) ने बिना सत्यापन ही भेज दिया है,जो उचित नही है। उन्होंने कहा कि बीडीओ से प्राप्त सत्यापन के रिपोर्ट बाद ही शवदाह स्थल का चयन किया जायेगा। समीक्षा में पाया कि वर्ष 18-19 में चयनित साऊंघाट ब्लाक में मझौआ जगत तथा रसनी बस्ती सदर में भदेश्वरनाथ, बहादुरपुर में डेवाडीहा, बनकटी में गुलौरा तथा विक्रमजोत ब्लाक में लजघटा में अन्त्येष्टि स्थल का निर्माण अब तक कराया जा रहा है। डीपीआरओ ने बताया कि भुगतान के लिए पीएफएमएस प्रणाली लागू होने के कारण क्रय किए गये सामान के भुगतान में विलम्ब हुआ है। भुगतान प्रारम्भ होते ही निर्माण कार्य पूरा करा लिया जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि अधिकतम शवों का दाह होने वाले स्थल का चयन प्राथमिकता पर किया जायेगा। इसकी सूची प्रत्येक ब्लाक में वरीयता क्रम से तैयार की जायेगी। सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के सचिव से दाह संस्कार किए गये शवों की संख्या,भूमि की उपलब्धता,क्षेत्रफल सुविधाओं के लिए पर्याप्त स्थान का विवरण
प्राप्त करेंगे। शवदाह स्थल का चयन नदी के किनारे अन्य सुरक्षित स्थल पर किया जा सकता है। सभी विकास खंडों में बराबर संख्या में शवदाह स्थल का चयन किया जायेगा। डीपीआरओ ने बताया कि वर्ष 2016-17 में 42 में से 41 अंत्येष्टि स्थल बना है। भूमि विवाद के कारण परशुरामपुर के नारायणपुर में निर्माण नही हो पाया था,जिसे अब शुरू करा दिया गया है। वर्ष 17-18 में कोई आवंटन प्राप्त नही हुआ है। मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द पाण्डेय ने बताया कि उपरोक्त अंत्येष्टि स्थल के चयन और निर्माण के शिकायतों का अभी निस्तारण नही हुआ है।