बाढ़ से बिगड़ रही स्थिति, 41 गांव प्रभावित
बाढ़ प्रभावित गांवों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। सरयू नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। अयोध्या में नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान 92.73 मीटर से 59 सेमी ऊपर 93.32 मीटर दर्ज किया गया
बस्ती: बाढ़ प्रभावित गांवों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। सरयू नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। अयोध्या में नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान 92.73 मीटर से 59 सेमी ऊपर 93.32 मीटर दर्ज किया गया। जो शनिवार के मुकाबले 6 सेमी कम है। जलस्तर में घटाव के संकेत मिल रहे हैं। सरयू नदी की बाढ़ से जनपद के करीब 41 गांव प्रभावित हुए हैं। जिनमें से 8 गांव मैरुंड बताए जा रहे हैं। यह वह गांव हैं या तो तटबंध विहीन हैं अथवा नदी और तटबंध के बीच बसे हैं।
एक सप्ताह पूर्व जब इन गांवों में बाढ़ का पानी घुसा था, उसी समय प्रशासन ने राहत सामग्री का वितरण कराया था। उसके बाद आज तक किसी गांव में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं गया। चिकित्सा व्यवस्था का भी इंतजाम इन गांवों में नहीं है। दुबौलिया संवाददाता के अनुसार सुबिका बाबू और टेढ़वा गांव 20 दिन से अधिक समय से मैरुंड हैं। इन गांवों में जाने के लिए मात्र नाव ही सहारा है। इसके अलावा खजांचीपुर का पुरवा, विशुनदासपुर का पुरवा, अशोकपुर के दो पुरवे, दिलासपुरा, मोजपुर का एक घर, एहतमाली, पहड़वापुर, बरदिया लोहार, देवरागंगबरार आदि गांवों के कई घरों में पानी घुसा हुआ है। लोग पड़ोसियों के यहां शरण लिए हैं। जिनके पक्के घर हैं वह मकान की ऊपरी मंजिल में रह रहे हैं। किशुनपुर-मोजपुर ¨रग बांध पर नदी का दबाव लगातार बढ़ रहा है। नदी और बांध के बीच मात्र 15 मीटर की दूरी रह गई है। बांध काफी जर्जर है। यदि और पानी बढ़ा तो ¨रग बांध बचाना मुश्किल हो जाएगा। इस बांध की सर्वाधिक दिक्कत यह है कि इसे लोगों ने श्रमदान से बनाया है इसलिए बाढ़ खंड ने इसकी मरम्मत से भी हाथ खींच लिया है। ऊंजी गांव के प्रधान प्रतिनिधि रमेश यादव व सपा नेता पूर्व उपाध्यक्ष आवास विकास सिद्धार्थ ¨सह ने बताया कि यदि यह ¨रग बांध टूटता है तो 6000 की आबादी प्रभावित होगी। कटरिया-चांदपुर तटबंध पर चांदपुर गांव के पास नदी बैक रोल से तटबंध पर दबाव बना रही है। बाढ़ खंड तटबंध पर नजर बनाए हुए है। बिशेषरगंज संवाददाता के अनुसार विक्रमजोत ब्लाक के पाही माफी, पूरे मोती राम गांव में घुटने तक बाढ़ का पानी भर गया है। पशु चारा नहीं मिल रहा है। विक्रमजोत-धुसवा तटबंध पर काशीपुर चौकी के पास ठोकर पर नदी लगातार दबाव बना रही है। विक्रमजोत संवाददाता के अनुसार ब्लाक क्षेत्र के 27 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। जिनमें 6 गांवों के कई घरों में पानी घुस गया है। गांव के संपर्क मार्ग पर तीन से चार फीट पानी भरा हुआ है। कल्यानपुर, भरथापुर, लकड़ी दूबे, पड़ाव, रानीपुर कठवनिया, सहजौरा पाठक गांव के लोग सर्वाधिक संकट झेल रहे हैं। यह वह गांव हैं जिन्हें बचाने के लिए कोई तटबंध नहीं है। इसके अलावा लमती, केशवपुर, रामनगर, भदोई, बाघानाला, फूलडीह, चानपुर, संदलपुर, कवलपुर, छतौना, कन्हईपुर, खेमराजपुर, पूरेचेतन, पकड़ी सूर्यवंश, माझा किता अव्वल, मणना माझा, मल्हनी, मुनियांवां, जोगापुर, रिधौरा, माचा, हैदराबाद आदि गांवों के खेत व सीवान डूबे हुए हैं। नदी के जलस्तर में यदि और वृद्धि होती है तो इन गांवों के घर भी प्रभावित हो जाएंगे।