हाईवे पर 18 ब्लैक स्पाट, चलें संभल कर
न जनता की फिक्र न कार्रवाई का कोई डर। नेशनल हाईवे पर 18 अवैध कट हैं। इनको बंद कराने में एनएचएआइ नाकाम साबित हुआ है। इसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। यातायात नियमों का पालन न किया जाना भी दुर्घटना की वजह बन रहा है।
बस्ती: न जनता की फिक्र न कार्रवाई का कोई डर। नेशनल हाईवे पर 18 अवैध कट हैं। इनको बंद कराने में एनएचएआइ नाकाम साबित हुआ है। इसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। यातायात नियमों का पालन न किया जाना भी दुर्घटना की वजह बन रहा है।
हाईवे पर डिवाइडर के अवैध कट और बेसहारा पशु सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण है। जिले में 18 स्थल दुर्घटना बाहुल्य हैं। इन्हें ब्लैक स्पाट के रूप में चिह्नित किया गया है। इनमें हड़ियां चौराहा, पालीटेक्निक चौराहा, बड़ेवन, मूड़घाट फुटहिया, पचवस, विक्रमजोत, संसारीपुर चौराहा आदि शामिल हैं। इन स्थानों पर सड़क हादसों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। परिवहन विभाग द्वारा एक ही स्थान पर साल भर में हुए सड़क हादसों में पांच लोगों मौत के आधार पर ब्लैक स्पाट का चिन्हांकन किया जाता है। ब्लैक स्पाट पर हादसों को रोकने के लिए अब तक जो उपाय किए गए हैं, उनमें ब्लिकर लाइट, रंबल स्ट्रिप, साइन बोर्ड आदि लगवाना है। कुछ समय पहले हाईवे पर 500 मीटर पर शराब की कई दुकानें संचालित हो रहीं थीं, जो अब 220 मीटर की दूरी पर चल रही हैं।
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हर माह होता है 25 से 30 ट्रकों का चालान
ट्रक-ट्रालों आदि पर लोहे की सरिया लादकर परिवहन करने की छूट तब तक है जब तक वह बाडी के अंदर हैं। आरटीओ प्रवर्तन ने बताया कि हर माह ऐसे 25 से 30 ट्रकों का चालान किया जाता है जिनमें सरिया, बांस बाहर की तरफ निकले रहे हैं। ओवर हैंगिग के मामले में इन पर 500 रुपये जुर्माना भी लिए जाने का प्रावधान है।
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आधा दर्जन स्थानों पर 'ट्रक ले बाई' पार्किंग
ट्रक, ट्राला और ट्रेलर आदि को खड़ा करने के लिए हाईवे पर जिले की सीमा में टोल प्लाजा मड़वानगर, हड़िया ओवरब्रिज के पास, फ्लोर मिल के निकट, मुजेहना गांव के निकट, कप्तानगंज महराजगंज कस्बे के बीच, घघौवा पुल के पास 'ट्रक ले बाई' बनाए गए हैं। इन स्थानों से इतर ट्रक खड़ा करने पर हादसे होते हैं।
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हालांकि हाईवे पर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या नाम मात्र की है, फिर भी समय समय पर शराब पीकर ट्रक चलाने वालों की जांच ब्रीथ एनालाइजर से की जाती है। हादसों की प्रमुख वजह वाहनों की स्पीड, अवैध कट व बेसहारा पशु हैं।
अनिल श्रीवास्तव, आरटीओ प्रवर्तन