ड्रिप ¨सचाई के लिए केंद्र ने बढ़ाया दोगुना लक्ष्य
बस्ती : उद्यान विभाग में संचालित प्रधानमंत्री कृषि ¨सचाई योजना में अनुदान की बारिश होगी। वित्तीय वर
बस्ती : उद्यान विभाग में संचालित प्रधानमंत्री कृषि ¨सचाई योजना में अनुदान की बारिश होगी। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 465 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है। पोर्टेबुल स्प्रिंकलर की खरीद पर प्रति हेक्टेयर 22 हजार रुपये अनुदान देने की व्यवस्था है। विभाग के अनुसार गन्ना किसानों के लिए ड्रिप विधि की ¨सचाई वरदान साबित हो रही है।
अभी तक ड्रिप सिस्टम ¨सचाई से किसान अनभिज्ञ थे। जागरूकता बढ़ी तो डिमांड भी बढ़ गई। इस बार लक्ष्य दोगुना कर दिया गया। गत वर्ष 250 हेक्टेयर का लक्ष्य था। इस योजना में करीब 1 करोड़ 5 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री कृषि ¨सचाई योजना में औद्यानिक फसलों में 90 हेक्टेयर, कृषि फसलों में 63 हेक्टेयर, पोर्टेबुल स्प्रिंकलर 210 हेक्टेयर, रेनगन 30 हेक्टेयर और कृषि फसल अन्य में 210 हेक्टेयर का लक्ष्य जारी हुआ है। इसमें पोर्टेबुल पर 22 हजार 667 रुपये, रेनगन पर 35 हजार 721 रुपये व प्रति हेक्टेयर गन्ना में ड्रिप पर 1 लाख 16 हजार अनुदान दिया जाएगा।
लघु एवं सीमांत किसानों को 90 फीसद जबकि सामान्य किसानों को 80 फीसद अनुदान देने की व्यवस्था है। किसानों को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये अनुदान की रकम खाते में भेजी जाएगी। एक किसान को चार हेक्टेयर तक के खेत पर यह सुविधा दी जा सकेगी। राज्य औद्यानिक मिशन प्रबंधक व योजना प्रभारी उद्यान निरीक्षक धर्मेंद्र चंद्र चौधरी ने बताया कि ड्रिप विधि गन्ना किसानों के लिए काफी लाभदायक है, एक तो बढि़या ¨सचाई, दूसरे पानी की खपत कम है। किसानों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
---------------
छूटे किसानों को मिलेगा लाभ
पिछले वित्तीय वर्ष में जो किसान पंजीकरण कराने के बाद भी ड्रिप ¨सचाई सिस्टम के लाभ से वंचित रह गए थे, उनको वर्तमान वित्तीय वर्ष के लक्ष्य में शामिल कर लाभ से अच्छादित किया जाएगा। ऐसे किसानों को भी पोर्टेबुल, स्प्रिंकलर, रेनगन व ड्रिप मशीन दी जाएगी। गन्ना समेत अन्य औद्यानिक फसलों की ¨सचाई के लिए लाभ प्राप्त कर सकेंगे। चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
----------------
लक्ष्य के बाद भी लाभ से वंचित हो गए पात्र
पिछले साल 250 हेक्टेयर का लक्ष्य शासन से प्राप्त हुआ था लेकिन जिम्मेदारों की ढिलाई के चलते लक्ष्य का एक तिहाई भी चयन नहीं हो पाया था। 68 हेक्टेयर में ही ड्रिप लग पाया। इससे शासन स्तर पर विभाग की खूब किरकिरी भी हुई। महज 18 लाख ही खर्च हुआ, बाकी के पैसे भी वापस कर देने पड़े थे।
-----------------
इस साल लक्ष्य के अनुसार किसानों का चयन किया जाएगा। किसानों को ड्रिप सिस्टम ¨सचाई अपनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।1 करोड़ 5 लाख की योजना है। लक्ष्य पूरा करने की कोशिश होगी। पिछले साल योजना से वंचित किसानों को भी शामिल किया जाएगा।
राम विनोद मौर्य, प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी