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निजीकरण का बोझ न डालने को लेकर अभियंतओं ने बुलंद की आवाज

संयोजक अशर्फीलाल ने कहा कि समिति और ऊर्जा प्रबंधन के बीच हुए समझौते को पालन नहीं हो रहा है। सरकार विद्युत कार्यों के लिए पांच साल की योजना बना चुकी है फिर भी निजीकरण के प्रयास में जुटी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 11:18 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 11:18 PM (IST)
निजीकरण का बोझ न डालने को लेकर अभियंतओं ने बुलंद की आवाज
निजीकरण का बोझ न डालने को लेकर अभियंतओं ने बुलंद की आवाज

बस्ती : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम पर निजीकरण का बोझ सरकार न डाले। निजीकरण का फैसला अभियंताओं, कर्मचारियों व उपभोक्ताओं के हित में नहीं है। इसे तत्काल वापस लिया जाए। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले अभियंताओं ने मंगलवार को भी हुंकार भरी। सह संयोजक आनंद गौतम ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द निर्णय सुनाए, अन्यथा अभियंता सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। शाम चार से पांच बजे तक कार्य करने के बाद अभियंताओं ने हक के लिए मुख्य अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया।

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संयोजक अशर्फीलाल ने कहा कि समिति और ऊर्जा प्रबंधन के बीच हुए समझौते को पालन नहीं हो रहा है। सरकार विद्युत कार्यों के लिए पांच साल की योजना बना चुकी है, फिर भी निजीकरण के प्रयास में जुटी है। क्षेत्रीय अध्यक्ष एके उपाध्याय ने सरकार की नीतियों का विरोध किया। जनपद अध्यक्ष जितेंद्र मौर्य व सचिव आशुतोष लाहिड़ी ने कहा कि निजीकरण हर मोर्चे पर फेल होगा। केंद्रीय समिति के नेता बलवीर यादव ने कहा कि सरकार मनमाने तरीके से कार्य करके कर्मचारियों को परेशान कर रही है। मोहित कुमार,अभय सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान इं. हेमंत सिंह, छोटेलाल, संतोष कुमार, मनोज कुमार यादव, राघवेंद्र द्विवेदी, अभय कुमार, राम इकबाल प्रसाद, अभिषेक ओझा, अभिषेक कुमार, एलबी यादव, बलवीर यादव, प्रकाश वर्मा, अशोक चंद्र पाल, प्रिस कुमार, विजय पाल, राम सहाय, गजेंद्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।


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