रात्रि में किसी मामले में बच्चों की गिरफ्तारी से बचे पुलिस
बचों के साथ संवेदनशीलता दिखाएं पुलिसकर्मीन्यायाधीश
बस्ती: विधि विरूद्ध अपराधों में आरोपित किए गए बाल अपचारियों की किसी भी दशा में रात्रि में गिरफ्तार न करें। जहां तक हो सके,पुलिस उनके साथ संवेदनशीलता दिखाए। बच्चों को यह आभास न होने दें कि वह पुलिस थाने में है। इसलिए बच्चों के साथ किशोर न्याय बोर्ड में जाने वाले पुलिस कर्मियों को सादे वर्दी में रहने की हिदायत दी गई है। लावारिस बच्चों को यथा शीघ्र बाल कल्याण समिति को सौंपा जाए। जिससे उन्हें परिजनों से मिलाया जा सके।
उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव न्यायाधीश तृषा मिश्रा ने कही। वह पुलिस लाइन में किशोर न्याय संरक्षण अधिनियम व पास्को एक्ट के बावत आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। बालकों से संबंधित नोडल अधिकारी क्षेत्राधिकारी गिरीश कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस कर्मियों को किसी भी बच्चे को विधि विरूद्ध कार्य में लिप्त होने पर अगर गिरफ्तार किया जाता है तो उसके सामाजिक पृष्ठभूमि की रिपोर्ट भी तैयार की जाए। विधिक सलाहकार यूनीसेफ की अदिति ने कहा कि सामान्य व गंभीर अपराधों को बच्चों को थाना में ही जमानत दे दी जाए। यदि जमानत पर छूटने के बाद बच्चे को हानि होने का खतरा हो,तभी उन्हें न छोड़ा जाए। बाल संरक्षण अधिकारी बीना सिंह, एजाज अहमद, सुषमा पांडेय, नवीन कुमार पांडेय, रोमा शुक्ला, वंदना मिश्रा, अंबुज सिंह, निधि यादव, मीरा चौहान मौजूद रहे।