डीएम ने एआरटीओ को लगाई फटकार, नोटिस
शिथिल पर्यवेक्षण कार्यों में रुचि न लेने एवं अधीनस्थों पर नियंत्रण न रखने का खामियाजा एआरटीओ प्रशासन अरुण प्रकाश चौबे को भुगतना पड़ा। जिलाधिकारी ने उनकी कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए आरटीओ सगीर अहमद को निर्देश दिया कि वे एआरटीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करें।
बस्ती: शिथिल पर्यवेक्षण, कार्यों में रुचि न लेने एवं अधीनस्थों पर नियंत्रण न रखने का खामियाजा एआरटीओ प्रशासन अरुण प्रकाश चौबे को भुगतना पड़ा। जिलाधिकारी ने उनकी कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए आरटीओ सगीर अहमद को निर्देश दिया कि वे एआरटीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करें। रिपोर्ट मिलने पर अपील संस्तुति सहित उन्हे भेजें।
सोमवार को दिन में डीएम आशुतोष निरंजन अचानक एआरटीओ कार्यालय छबिलहा पहुंच गए। जिलाधिकारी को बताया गया कि एआरटीओ प्रशासन अरुण प्रकाश चौबे के पास एआरटीओ प्रवर्तन का भी चार्ज है। डीएम ने पाया कि दोनों का दायित्व होने के बाद भी एआरटीओ का अपने अधीनस्थों पर कोई नियंत्रण नहीं है। अभिलेखों का रखरखाव ठीक नहीं है और न ही एआरटीओ को ठीक से नियम कानून की जानकारी है। डीएम ने आरटीओ से एआरटीओ पर कार्रवाई करने को कहा। इतना ही नहीं सप्ताह भीतर कार्यालय की व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया। कहा कि 15 दिन बाद वे फिर आएंगे। निरीक्षण में पाया कि एक मामले में प्रवर्तन कार्य के तहत ओवरलोडिग होने पर, परमिट न होने एवं अन्य कारण से वाहन बंद किए गए,जुर्माना लगाया गया। वाहन स्वामी कोर्ट जाकर पांच हजार रुपये से कम जुर्माना जमा कर वाहन छुड़वा लिया, जबकि एआरटीओ ने 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। कार्यालय में कोर्ट के आदेश की कोई प्रति नहीं मिली। डीएम ने आरटीओ को निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारियों की एक समिति गठित कर ऐसे प्रकरणों की समीक्षा करें। विभाग को अक्टूबर माह तक 42.72 करोड़ के सापेक्ष 42.91 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। एनएचएआइ काफी लंबा है इसलिए नियमित जांच कराकर राजस्व लक्ष्य का 150 फीसद हासिल करें। देर से पहुंचने पर विजय प्रताप सिंह का स्पष्टीकरण तलब किया है।