नेत्र विशेषज्ञ की राह देख रहा जिला अस्पताल
इलाज के लिए मरीज निजी अस्पताल का ले रहे सहारा
जागरण संवाददाता, बस्ती : जिला अस्पताल में आंख की बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्क्त बुजुर्ग और गरीबों को है। जिला अस्पताल में नवंबर 2019 से चिकित्सक न होने के कारण आंख के मरीजों की सर्जरी और इलाज संभव नही है। नेत्र परीक्षण अधिकारी कमलेंद्र प्रताप सिंह के भरोसे यह विभाग चल रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते ओपीडी सेवा ठप है। हालांकि इमरजेंसी सेवा बहाल है। इसमें भी आंख के गंभीर मरीज आते हैं तो उनका इलाज चिकित्सक के अभाव में नहीं हो पा रहा है।
प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल डा. ओपी सिंह ने बताया कि चिकित्सक की तैनाती के लिए प्रयास किया जा रहा है। गंभीर रोगियों को इलाज के लिए मेडिकल कालेज में भेज दिया जाता है।
कहां कराएं इलाज
कुदरहा ब्लाक के हरीराम आंख की बीमारी से ग्रसित हैं। उनका इलाज जिला अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। यही हाल सदर ब्लाक के रामदीन का है। आंख से पानी गिरता है। मोतियाबिद की शिकायत है। जिला अस्पताल में सर्जरी नहीं हो पाई है।
अंधता निवारण योजना को भी लगा झटका
नेत्र चिकित्सक न होने के चलते जिला अंधता निवारण योजना को गहरा झटका लगा है। वर्ष 2012 में अब तक एक भी आपरेशन नहीं किए जा सके हैं। हर्रैया सीएचसी से एक चिकित्सक को संबद्ध किया गया लेकिन वह आए ही नहीं।
सीएमओ डा. जेपी त्रिपाठी ने बताया कि चिकित्सक की तैनाती की गई थी, ज्वाइन नहीं किए। अंधता निवारण योजना से निश्शुल्क आपरेशन की सुविधा दी जाती है, चिकित्सक न होने से समस्या बनी हुई है।