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निजीकरण का फैसला स्वीकार्य नहीं,सरकार करे विचार : अशर्फीलाल

समिति और ऊर्जा मंत्री के बीच हुए समझौते का उल्लंघन किया

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 11:43 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 11:43 PM (IST)
निजीकरण का फैसला स्वीकार्य नहीं,सरकार करे विचार : अशर्फीलाल
निजीकरण का फैसला स्वीकार्य नहीं,सरकार करे विचार : अशर्फीलाल

जागरण संवाददाता, बस्ती : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के फैसले को लेकर यहां विद्युत अभियंताओं में काफी आक्रोश है। अल्टीमेटम के बाद गुरुवार को कार्य करने के बाद शाम चार से पांच बजे तक विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिलेभर के अभियंताओं व कर्मियों ने मुख्य अभियंता कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। हक के लिए आवाज बुलंद की। संयोजक अशर्फीलाल ने कहा कि समिति और ऊर्जा मंत्री के बीच पांच अप्रैल 2018 को हुए समझौते का उल्लंघन किया जा रहा है। निजीकरण का फैसला उपभोक्ता एवं कर्मचारी विरोधी है। यह निर्णय तत्काल वापस लिया जाए।

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नाराज अभियंताओं ने कहा कि सरकार की ओर से कोई ठोस कदम जल्द नहीं उठाए गए तो बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियंता अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर देंगे। निजीकरण के अलावा विभाग में सुधार के लिए तमाम रास्ते हैं, उसे अपनाएं। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन से निजीकरण के प्रयोगों की विफलता की समीक्षा करने की अपील की गई, लेकिन प्रबंधन निजीकरण और फ्रेंचाइजीकरण की विफलता पर कोई समीक्षा करने को राजी नहीं। जिन शहरों में विभाग का निजीकरण हुआ है, वहां कारपोरेशन को घाटा हो रहा है। कुप्रबंधन और सरकार की गलत नीतियों के चलते कर्मचारी पिस रहे हैं। आखिर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम पर निजीकरण का बोझ क्यों थोपा जा रहा है। क्षेत्रीय अध्यक्ष एके उपाध्याय ने यदि निजीकरण हुआ तो उपभोक्ता बिजली महंगी के लिए तैयार रहें। जनपदीय अध्यक्ष जितेंद्र मौर्य व सचिव आशुतोष लाहिड़ी ने कहा कि निजीकरण किसी भी दशा में विभाग के हित में नहीं है। प्रत्येक कार्य दिवस में अब विरोध सभाएं होंगी। छोटेलाल, संतोष कुमार, रामसहाय, मनोज कुमार यादव, हेमंत सिंह, राघवेंद्र द्विवेदी, अभय कुमार ने सरकार को कोसा। राम इकबाल प्रसाद, अभिषेक ओझा, अभिषेक कुमार, एलबी यादव, बलवीर यादव, प्रकाश वर्मा, अशोक चंद्र पाल आदि मौजूद रहे।


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