वेरता में मिले घायल हिरणों की मौत
बस्ती: सूखे ताल-तलैया वीरान मैदान और हरे चारे की कमी तथा माकूल परिवेश का अभाव हिरणों की जान पर जोखिम
बस्ती: सूखे ताल-तलैया वीरान मैदान और हरे चारे की कमी तथा माकूल परिवेश का अभाव हिरणों की जान पर जोखिम बन कर आया है। पानी और चारे की तलाश तथा आशियाना बदलने की फिराक में हिरण लुके छिपे बस्ती की तरफ भटक कर आ रहे हैं जो कभी आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे हैं तो कभी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। सोमवार को परशुरामपुर क्षेत्र के वेरता तिराहे पर स्थित बाग में एक घायल हिरण तथा एक छौने ने तड़प कर दम तोड़ दिया। इससे पहले रविवार को भी कुत्तों के काटने से घायल एक और हिरण ने कुछ समय बाद दम तोड़ दिया। वेरता में सोमवार की सुबह जब लोग खेत की तरफ जा रहे थे तो हिरण तथा हिरण के बच्चे को घायलावस्था में देखा था गांव के मोनू मिश्र ने घायल हिरण को देख उसका इलाज कराने का प्रयास किया। पशुचिकित्साधिकारी तथा वन विभाग के क्षेत्राधिकारी को फोन किया। गांव के जगन्नाथ, शिवकुमार, रामभजन, सुनील ,राम पियारे, जगदेव ने पानी,चारे तथा जड़ी बूटी से घावों पर मरहम लगाकर घायल हिरण तथा छौने को राहत पहुंचाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया। मौके पर वनकर्मी तथा पशु चिकित्सक डा.विक्रम यादव भी पहुंचे। चिकित्सक ने हिरणों का अंत्यपरीक्षण किया। बाद में हिरणों को दफना दिया गया।