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नवीन मंडी स्थल में पाथे जा रहे गोबर के कंडे

स्थानीय लोगों के अलावा महुरैया बनकटा मेंढउआ रमवापुर बनकटिया कुढ़वा भोयर जैसे दर्जनभर गांवों के लोग यहां सप्ताह में सोमवार और गुरुवार को लगने वाली बाजार में खरीदारी करने आते हैं। बाजार के दिन काफी भीड़ होने से गांव के भीतर आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता था। समस्या के समाधान की खातिर 10 वर्ष पूर्व लगभग सात लाख रुपये की लागत से गांव के पश्चिम नवीन मंडी स्थल का निर्माण कराया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:09 PM (IST)
नवीन मंडी स्थल में पाथे जा रहे गोबर के कंडे
नवीन मंडी स्थल में पाथे जा रहे गोबर के कंडे

बस्ती: कप्तानगंज ब्लाक के पोखरा बाजार स्थित नवीन मंडी स्थल का निर्माण के 10 वर्ष बाद भी लोकार्पण नहीं हो सका है। इसी कारण यहां अब तक बाजार नहीं लग सका। मंडी स्थल पर विक्रेता व खरीददारों की चहल पहल के बजाय गांव की महिलाएं गोबर के कंडे पाथती हैं।

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ब्लाक मुख्यालय से लगभग नौ किमी दक्षिण-पूर्व दिशा स्थित पोखरा बाजार पिछले कई दशकों से क्षेत्रीय जनता के लिए व्यापारिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। स्थानीय लोगों के अलावा महुरैया, बनकटा, मेंढउआ, रमवापुर, बनकटिया, कुढ़वा, भोयर जैसे दर्जनभर गांवों के लोग यहां सप्ताह में सोमवार और गुरुवार को लगने वाली बाजार में खरीदारी करने आते हैं। बाजार के दिन काफी भीड़ होने से गांव के भीतर आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता था। समस्या के समाधान की खातिर 10 वर्ष पूर्व लगभग सात लाख रुपये की लागत से गांव के पश्चिम नवीन मंडी स्थल का निर्माण कराया गया। यहां एक बड़ा शेड युक्त चबूतरा, दो शेड विहीन पक्के चबूतरे, मीट शाप के अतिरिक्त शौचालय तथा मूत्रालय का निर्माण भी कराया गया। लोगों के स्वागत की खातिर विशाल गेट भी बनवाया गया था। मंडी स्थल के पूरी तरह बनकर तैयार होने के बाद लोगों को उम्मीद थी की उन्हें एक सुविधाजनक स्थान पर खरीदारी करने का मौका मिलेगा, लेकिन जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते उनका यह सपना 10 साल बाद भी पूरा न हो सका। लाखों रुपये की लागत से बनकर तैयार इस व्यापारिक स्थल का आज तक लोकार्पण नहीं हो सका। सीमेंट की शेड जगह-जगह टूट गई है तो चबूतरों पर गांव की महिलाएं गोबर के कंडे पाथती हैं। शौचालय व मूत्रालय भी जर्जर हो चुके हैं। यहां तक कि इसी परिसर में नलकूप विभाग ने ओवरहेड टैंक का निर्माण भी करा दिया है। सरकारी धन की इस तरह की बर्बादी का संज्ञान न किसी अधिकारी ने लिया न ही किसी जनप्रतिनिधि ने। क्षेत्रवासियों को अभी भी उम्मीद है कि मंडी स्थल का जीर्णोद्धार करवाकर इसे क्रियाशील बनाया जाएगा।


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