जिला अस्पताल में कमियां देख भड़के प्रमुख सचिव
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी बुधवार को जिला अस्पताल पहुंचे। उन्हें कदम-कदम पर कमियां दिखीं इसपर वह भड़क उठे तथा एसआइसी को चेतावनी दी। प्रमुख सचिव सबसे पहले क्षेत्रीय निदान केंद्र में संचालित पैथालाजी पहुंचे।
बस्ती : प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवेश चतुर्वेदी बुधवार को जिला अस्पताल पहुंचे। उन्हें कदम-कदम पर कमियां दिखीं, इसपर वह भड़क उठे तथा एसआइसी को चेतावनी दी। प्रमुख सचिव सबसे पहले क्षेत्रीय निदान केंद्र में संचालित पैथालाजी पहुंचे। बायामेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए रखे डब्बे खुद खोल कर देखे। विभिन्न प्रकार के जांच की जानकारी ली। जांच का समय पूछने पर पैथालाजिस्ट डा. एके चौधरी ने बताया कि सुबह 8 से 2 और 2 बजे से रात 8 बजे तक। बताया गया कि जांच की सुविधा विभाग और पीओ सिटी के माध्यम से मरीजों दी जा रही है। अल्ट्रासाउंड कक्ष बंद होने पर प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल डा. ओपी सिंह को फटकार लगाई। मई से अवकाश पर चल रहे रेडियोलाजिस्ट डा. मनोज सिंह पर कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा, रेडियोलाजिस्ट जब से छुट्टी पर हैं उसी दिन से बिना वेतन ड्यूटी की नोटिस जारी करें। जिस दिन ज्वाइन करते हैं उस दिन से वेतन दिया जाए। मरीजों से सीधा संवाद स्थापित किया। 11.30 बजे से 12 बजे तक प्रमुख सचिव ने जिला अस्पताल का कोना-कोना देखा। पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में भर्ती बच्चों की जानकारी ली। कहा, यहां आने वाले मरीजों को तत्काल ट्रीटमेंट मिले। बाहर बैठे तीमारदारों से दवा आदि की जानकारी ली। परिसर में संचारी रोग नियंत्रण का पुराना बोर्ड देखकर नाराज हुए। सीएमओ डा. एके गुप्ता को तत्काल बोर्ड बदलने को कहा। इसके बाद वह किचन में पहुंचे। मरीजों के लिए बनाए गए मेन्यू के अनुसार भोजन की जानकारी ली। गुणवत्ता परखी। कई साल से बनकर खड़े ओटी बिल्डिग के बारे में पूछा। पता चला कि अभी हैंडओवर नहीं हुआ है। प्रमुख सचिव ने एडी हेल्थ डा. रंगजी द्विवेदी से जो डाक्टर तैनात है और लंबे समय से अवकाश पर हैं उनकी सूची मांगी। पता चला कि 15 डाक्टर लंबे समय से और 14 चिकित्सक प्रशिक्षण आदि के नाम पर अवकाश पर हैं। सभी को अंतिम चेतावनी पत्र जारी करने को कहा। मेडिकल कालेज कैली में जिन 16 चिकित्सकों का समायोजन नहीं हुआ है, उन पर जल्द निर्णय लेने को कहा। कैली से दोनों रेडियोलाजिस्टों को जल्द बुलाने को कहा। ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों और ईएमओ की कमी की जानकारी ली। इमरजेंसी वार्ड देखा। सीटी स्कैन कक्ष का निरीक्षण किया।