Move to Jagran APP

कैली में मरीज भर्ती न करने की शिकायत पर पहुंचे भाजपा नेता

खरे ने इस संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा मंत्री को एक पत्र भेजा

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 11:24 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 11:24 PM (IST)
कैली में मरीज भर्ती न करने की शिकायत पर पहुंचे भाजपा नेता
कैली में मरीज भर्ती न करने की शिकायत पर पहुंचे भाजपा नेता

जागरण संवाददाता, बस्ती : सांसद व मुख्यमंत्री के निर्देशों को दरकिनार कर ओपेक चिकित्सालय कैली में मरीजों की भर्ती न लेने की शिकायत पर गुरुवार को भाजपा नेता अनूप खरे मौके पर पहुंचे। उन्होंने जिम्मेदार चिकित्सकों से बातचीत कर कुछ मरीजों को भर्ती कराया। खरे ने इस संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा मंत्री को एक पत्र भेजा जिसमें मरीजों को भर्ती न किए जाने और तीमारदारों के साथ दु‌र्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया है।

prime article banner

भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व में सांसद ने अस्पताल का भ्रमण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने, तीमारदारों संग उचित व्यवहार करने, मरीजों का वापस न किये जाने, कांउसिलिग सेंटर खोलने तथा आक्सीजन सपोर्ट वाले 200 और बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। लेकिन इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। भाजपा नेता इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर की है। इलाज में लापरवाही को लेकर कांग्रेसियों ने धरना दिया

जासं.बस्ती : कोरोना मरीजों के इलाज में बरती जा रही लापरवाही को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष सचिन शुक्ल के नेतृत्व में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए गुरुवार को महरीखावां स्थित आवास पर कांग्रेसियों ने धरना दिया। धरने में युवा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष आदित्य त्रिपाठी तथा यूथ कांग्रेस के जिला महासचिव विकास वर्मा भी शामिल रहे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन फैक्स के जरिए भेजा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि मेडिकल कालेज के प्रिसिपल व स्टाफ द्वारा कोरोना मरीजों एवं उनके तीमारदारों के साथ दु‌र्व्यवहार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में तत्काल प्रभाव से प्रिसिपल को कार्यमुक्त कर व्यवस्था सुधारी जाए।

ज्ञापन में मेडिकल कॉलेज में अब तक चिकित्सकीय लापरवाही के कारण जितनी भी मृत्यु हुई है उसकी निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों को दंडित करने, कोरोना से मृत व्यक्ति के परिवार वालों को तत्काल दस लाख रुपये मुआवजा देने साथ ही दवा इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.