अपने ही 'विकास' के इंतजार में बीडीए
गठन के चार साल बाद भी नहीं मिला पर्याप्त स्टाफ
जागरण संवाददाता, बस्ती : बस्ती के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले बस्ती विकास प्राधिकरण (बीडीए) को अपने ही 'विकास' का इंतजार है। गठन के चार साल बीतने के बाद भी पर्याप्त स्टाफ की तैनाती नहीं हो सकी है। बाबू और इंजीनियरों की कमी के चलते प्राधिकरण का कार्य प्रभावित हो रहा है। इंजीनियर और बाबू के पद रिक्त, कार्य प्रभावित बीडीए के गठन के साथ ही यहां दो अधीक्षण अभियंताओं, एक सहायक अभियंता और तीन अवर अभियंताओं के पद सृजित किए गए थे। इसके सापेक्ष शासन से महज एक अधीक्षण अभियंता पंकज पांडेय और एक अवर अभियंता अनिल त्यागी तैनात किए गए। दो अधीक्षण अभियंता एवं एक सहायक अभियंता का भार अकेले एक अधीक्षण अभियंता पर है। वहीं अवर अभियंता त्यागी कार्यालय के कार्यो का दायित्व संभाल रहे हैं। प्रवर्तन कार्य के लिए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता आरसी शुक्ल को यहां से संबद्ध किया गया है। यहां सृजित दो कनिष्ठ लिपिक के पद रिक्त चल रहे हैं। केवल एक वरिष्ठ लिपिक की तैनाती अभी तक हो सकी है। अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से लोगों की शिकायतों को निपटाने और विकास कार्यो को गति देने में परेशानी हो रही है। आला अफसर होते हैं बीडीए के जिम्मेदार
बीडीए सचिव का दायित्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नंदकिशोर कलाल के पास है। उपाध्यक्ष जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन एवं अध्यक्ष मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर हैं।
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अभियंता एवं अन्य स्टाफ की कमी से शासन को अवगत कराया जा चुका है। उच्चाधिकारियों के स्तर से स्टाफ की मांग की गई है। फिलहाल उपलब्ध स्टाफ से बीडीए का कार्य संपादित हो रहा है।
पंकज पांडेय, अधीक्षण अभियंता