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दूध सेवन से बढ़ेगी शरीर की इम्युनिटी

मुख्य वक्ता केंद्र के अध्यक्ष डा. एसएन सिंह ने अवगत कराया कि पूरे विश्व में दुग्ध दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:17 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 11:17 PM (IST)
दूध सेवन से बढ़ेगी शरीर की इम्युनिटी
दूध सेवन से बढ़ेगी शरीर की इम्युनिटी

जागरण संवाददाता गोटवा, बस्ती : कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती में मंगलवार को विश्व दुग्ध दिवस (भारत का अमृत महोत्सव) के उपलक्ष्य में पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादकता विषय पर वर्चुअल गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता केंद्र के अध्यक्ष डा. एसएन सिंह ने अवगत कराया कि पूरे विश्व में दुग्ध दिवस का आयोजन किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के दैनिक आहार में दूध एवं दूध से बने उत्पाद को शामिल करना है। दूध के सेवन से शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है, ऐसे में व्यक्ति को नियमित दूध का सेवन करना चाहिए।

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गोष्ठी में बताया कि देश में पूरे साल में 19 करोड़ 80 लाख टन दुग्ध उत्पादन एवं 407 मिली. प्रति व्यक्ति उपलब्धता के साथ में नंबर एक पर है परंतु दुधारू पशुओं की संख्या के अनुरूप प्रति पशु उत्पादकता बहुत कम है। इसे बढ़ाने के लिए पशुपालन की नवीनतम तकनीकों के को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दूध में इम्युनिटी को बढ़ाने के पर्याप्त पोषक तत्व उपलब्ध है। इसलिए प्रतिदिन देसी गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। देसी गाय का दूध दो श्रेणी का होता है जिसमें कैंसर विरोधी क्षमता मौजूद होती है। गृह वैज्ञानिक डा. वीना सचान ने दूध का महिलाओं के स्वास्थ्य में उपयोगिता पर चर्चा करते हुए उनसे तैयार किए जाने वाले विभिन्न उत्पाद जैसे-खोया, पनीर, दही, पेड़ा, खीर को बनाने की तकनीक एवं उनसे स्वरोजगार सृजन की संभावनाओं पर जानकारी दी। डा. राकेश शर्मा ने पशुपालन में हरे चारे का महत्व एवं उसके उत्पादन तकनीक पर विस्तृत जानकारी दी। पशुपालन वैज्ञानिक डा. डीके श्रीवास्तव ने दूध में उपलब्ध पोषक तत्व, दुग्ध व्यवसाय को स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए पशुपालन में नस्ल सुधार, आवास व्यवस्था, आहार व्यवस्था एवं पशुओं के प्रमुख रोग एवं उनके निदान पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि भारत में जैविक खेती को बढ़ावा देने में पशुपालन की भूमिका अहम है। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डा. आरवी सिंह ने एकीकृत कृषि प्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि कृषकों को खेती, पशुपालन, बागवानी, सब्जी-उत्पादन का भी समावेश करना चाहिए जिससे वर्षभर आमदनी प्राप्त होती है तथा आय दुगनी भी हो सके। फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा.प्रेम शंकर ने पशुओं में टीकाकरण एवं उसके महत्व पर जानकारी देते हुए बताया कि यदि समय से पशुओं में खुरपका, मुंहपका,गलाघोटू आदि रोगों का टीकाकरण करा दिया जाए तो पशुओं में रोग नहीं लगेंगे तथा पशु अपनी क्षमता के अनुरूप दूध दे सकने में सक्षम होंगे। प्रगतिशील किसानों ने भी प्रतिभाग किया। इस दौरान निखिल सिंह, पल्लवी विश्वकर्मा, जेपी शुक्ल आदि जूम एप के मध्यम से जुड़े रहे।


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