बुजुर्ग महिला ने पहली बार ली फाइलेरियारोधी दवा
विक्रमजोत ब्लाक के शंकरपुर गांव में स्वास्थ्य टीम की मदद से दूर हुई भ्रांति
जागरण संवाददाता, बस्ती : विक्रमजोत ब्लाक के शंकरपुर गांव में एक बुजुर्ग महिला ने जीवन में पहली बार फाइलेरियारोधी दवा ली। बुजुर्ग महिला ने कभी दवा का सेवन नहीं की थी। इसलिए वह दवा लेने से डर रही थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला के घर पहुंची तो उसने फाइलेरियारोधी दवा खाने से मना कर दिया। उसे दवा लेने के फायदे बताए तो वह तैयार हो गई। बुजुर्ग को दवा खिलाने के बाद 24 घंटे तक नजर रखी गई। उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।
आशा कार्यकर्ता मंजू मौर्या टीम के साथ गांव निवासी बुजुर्ग जन्नतुन्निसा के घर फाइलेरिया की दवा खिलाने पहुंची थी। बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें दवा से डर लगता है। उन्हें बताया गया कि इस दवा का शरीर पर किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। यह हाथीपांव मर्ज की दवा है। पांच साल तक लगातार अगर यह दवा साल में एक बार खा ली जाए तो फाइलेरिया या हाथीपांव का मर्ज नहीं होता है। अगर शरीर में पहले से इस रोग के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं तो दवा खाने से यह निष्क्रिय हो जाते हैं। समझाने के बाद वह दवा खाने के लिए तैयार हो गईं। बुजुर्ग सहित उनके घर में सात लोग हैं। सभी को दवा खिलाई गई। टीम में पीसीआई के एसएमसी आशीष कुमार सिंह भी शामिल रहे।
--- दो साल से ऊपर वालों को देनी है दवा :
जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने बताया कि फाइलेरिया की दवा दो साल से ऊपरवालों को ही खिलानी है। दो साल तक के बच्चों, गर्भवती व बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलाई जाएगी। देश से 2025 तक फाइलेरिया का खात्मा करना है। यह एक विशेष प्रकार की मादा मच्छर के काटने से फैलता है। एक बार फाइलेरिया का रोग हो जाने पर यह पूरी तरह ठीक नहीं होता है। रोग से बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है।