जागरूकता के सहारे एड्स पर पा सकते हैं काबू
विश्व एड्स दिवस पर जगह-जगह लगाए गए जागरूकता स्टाल
जागरण संवाददाता, बस्ती : विश्व एड्स दिवस पर विकास भवन परिसर समेत विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। हैंडबिल व काउंसिलिग के जरिये एड्स के फैलाव व उसकी रोकथाम के बारे में स्वास्थ्यकर्मियों ने लोगों को जागरूक किया। इस मौके पर एचआइवी कम्युनिटी बेस्ड स्क्रीनिग की गई।
जिला एड्स नियंत्रण सोसायटी बस्ती के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सीएल कन्नौजिया ने विकास भवन में जागरूकता कैंप में कहा कि एड्स एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज सिर्फ और सिर्फ बचाव ही है। लोग इस बीमारी की भयावहता के बारे में जाने और विभाग की ओर से बचाव के जो तौर-तरीके बताए जा रहे हैं, उन पर अमल करें। जिला अस्पताल में एआरटी सेंटर (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर) का संचालन किया जा रहा है, जिसमें बस्ती मंडल समेत 12 से अधिक जिलों के लोगों का निश्शुल्क इलाज किया जा रहा है।
गर्भवती की एचआईवी जांच अनिवार्य कर दी गई है। अगर कोई गर्भवती एचआइवी पाजिटिव मिलती है तो विभाग उस पर नियमित रूप से नजर रखकर इलाज किया जाता है। इसका उद्देश्य एचआइवी पाजिटिव महिला का बच्चा इस रोग से ग्रसित न होने पाए। सुरक्षित यौन संबंध, डिस्पोजेबल सुई का प्रयोग करके काफी हद तक इस रोग से बचा सकता है। रोग को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां भी हैं। किसी मरीज से हाथ मिलाने, उसके साथ खाने-पीने से रोग नहीं होता है। समाज को चाहिए कि वे एचआइवी पाजिटिव लोगों के प्रति सम्मान की भावना रखें तथा उनका उत्साह वर्धन करें। पीडी आरपी सिंह, रामललित यादव, पंकज यादव ने एड्स बीमारी से बचाव व रोकथाम के लिए प्रकाश डाला। ईश्वर चंद्र वर्मा, गोवर्धन उपाध्याय, राजेश सिंह, देवेंद्र सिंह, ओम प्रकाश, आलोक चौधरी, वीरेंद्र प्रताप नारायण, राजेश श्रीवास्तव, संदीप श्रीवास्तव, अब्दुल सईद, उमंग यादव, चंदन शर्मा, अभिनव चौधरी, माया देवी आदि मौजूद रहे। वहीं बहादुरपुर सीएचसी में कैंप लगाकर जागरूक किया गया।
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जिले में 1870 मरीज
जिले में एचआइवी/एड्स के 1870 मरीज हैं। अधिकांश मरीज टीबी रोग से ग्रसित हैं। 145 मरीज कैंसर से ग्रसित पाए गए हैं। एचआइवी पाजिटिव मरीज के लिए किसी अन्य संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है। कोरोना काल में ऐसे मरीजों को ज्यादा एहतियात की जरूरत है।